गाली देने पर भी हो सकता है केस: भारतीय कानून की धाराएँ और न्यायालय का दृष्टिकोण
भारत एक सभ्य समाज है जहाँ नागरिकों से अपेक्षा की जाती है कि वे सामाजिक मर्यादा और दूसरों की गरिमा का सम्मान करें। परंतु जब कोई व्यक्ति गाली-गलौज या अपमानजनक भाषा का प्रयोग करता है, तो यह केवल नैतिक रूप से गलत ही नहीं बल्कि कानून की दृष्टि से भी अपराध हो सकता है। भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) में इस संबंध में स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं। कई लोग यह सोचते हैं कि गाली देना “सामान्य व्यवहार” या “मौखिक झगड़ा” है, लेकिन वास्तविकता यह है कि परिस्थितियों के आधार पर गाली देना गंभीर अपराध की श्रेणी में भी आ सकता है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कौन-कौन सी धाराएँ गाली देने या अपमानजनक भाषा प्रयोग करने पर लागू होती हैं, उनकी सजा क्या है, न्यायालय ने इस विषय पर क्या कहा है, और नागरिकों को इस संदर्भ में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
1. गाली देना: कानून की नजर में अपराध
भारतीय संविधान हर नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है (अनुच्छेद 19), लेकिन यह स्वतंत्रता पूर्णतः निरंकुश नहीं है। अनुच्छेद 19(2) में यह स्पष्ट किया गया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर “यथोचित प्रतिबंध” लगाए जा सकते हैं यदि यह समाज की शांति, नैतिकता, शालीनता, या अन्य व्यक्ति की गरिमा के विरुद्ध हो।
इसी आधार पर, गाली-गलौज करना, अपमानित करना या धमकी देना कानून की नजर में अपराध है।
2. गाली देने से संबंधित प्रमुख धाराएँ
(क) भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएँ
- IPC 294 – सार्वजनिक जगह गाली देना
- अपराध: किसी सार्वजनिक स्थान पर अश्लील शब्दों का प्रयोग करना या गाली देना।
- सजा: 3 महीने तक की जेल या जुर्माना या दोनों।
- IPC 504 – जानबूझकर अपमान करना और झगड़ा भड़काना
- अपराध: किसी को जानबूझकर इस प्रकार अपमानित करना जिससे वह शांति भंग कर बैठे या लड़ाई-झगड़े पर उतर आए।
- सजा: 2 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों।
- IPC 506 – आपराधिक धमकी देना
- अपराध: किसी को जान से मारने या गंभीर चोट पहुँचाने की धमकी देना।
- सजा: 2 साल से लेकर 7 साल तक की जेल और जुर्माना।
- IPC 509 – महिला की इज्जत को ठेस पहुँचाना
- अपराध: किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाने के लिए अपमानजनक शब्द कहना, इशारा करना या गाली देना।
- सजा: 3 साल तक की जेल और जुर्माना।
(ख) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धाराएँ
- IT Act, Section 67 – ऑनलाइन/सोशल मीडिया पर गाली या अश्लील पोस्ट
- अपराध: इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से (WhatsApp, Facebook, Instagram, Twitter/X, आदि) गाली, अश्लील टिप्पणी या अभद्र सामग्री प्रसारित करना।
- सजा: 3 से 5 साल तक की जेल और जुर्माना।
3. गाली देने से जुड़े न्यायालय के फैसले
भारतीय न्यायपालिका ने समय-समय पर इस विषय पर महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि गाली देना केवल व्यक्तिगत मामला नहीं बल्कि सामाजिक शांति और सार्वजनिक व्यवस्था का प्रश्न है।
- Case 1: Manik Taneja vs State of Karnataka (2015)
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति को गाली देना या अपमानित करना भी अपराध माना जा सकता है यदि उससे शांति भंग होने की संभावना हो। - Case 2: State of Maharashtra vs Lokesh (2018)
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि महिला को गाली देना, भले ही यह निजी बातचीत में क्यों न हो, उसकी गरिमा को ठेस पहुँचाता है और यह IPC की धारा 509 के तहत अपराध है। - Case 3: ऑनलाइन गाली के मामले (Delhi High Court, 2021)
न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि व्हाट्सएप या फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर गाली देना या अभद्र भाषा का प्रयोग करना “इलेक्ट्रॉनिक उत्पीड़न” (Cyber Bullying) की श्रेणी में आता है।
4. गाली देने के सामाजिक प्रभाव
- सामाजिक शांति भंग होना – गाली-गलौज अक्सर झगड़े और हिंसा का कारण बनता है।
- मानसिक उत्पीड़न – अपमानजनक शब्दों से व्यक्ति मानसिक तनाव और अवसाद का शिकार हो सकता है।
- महिला सुरक्षा पर असर – महिलाओं को गाली देना लैंगिक असमानता और उत्पीड़न को बढ़ावा देता है।
- ऑनलाइन माहौल बिगाड़ना – सोशल मीडिया पर गाली-गलौज न केवल संबंधित व्यक्ति को प्रभावित करता है बल्कि समाज में नकारात्मकता फैलाता है।
5. व्यावहारिक उदाहरण
- यदि कोई व्यक्ति बस या ट्रेन में जोर-जोर से गाली देता है तो उस पर IPC 294 के तहत केस हो सकता है।
- यदि दो पड़ोसी आपस में झगड़ते हुए गाली-गलौज करें और स्थिति बिगड़े तो यह IPC 504 का मामला है।
- किसी को जान से मारने की धमकी गाली के साथ दी जाती है तो यह IPC 506 के तहत गंभीर अपराध है।
- किसी महिला को गाली देना, चाहे मजाक में हो या गंभीरता से, IPC 509 के तहत अपराध है।
- फेसबुक/व्हाट्सएप पर गाली देकर किसी को अपमानित करना IT Act 67 के अंतर्गत दंडनीय है।
6. नागरिकों के लिए सावधानियाँ
- गुस्से में भी गाली न दें – इससे न केवल रिश्ते बिगड़ते हैं बल्कि कानूनी मुश्किल भी खड़ी हो सकती है।
- सोशल मीडिया पर संयम रखें – ऑनलाइन गाली देने पर साक्ष्य (screenshot) बच जाते हैं, जो अदालत में सबूत के तौर पर उपयोग किए जा सकते हैं।
- महिलाओं की गरिमा का सम्मान करें – महिला को गाली देना गंभीर अपराध है और इससे गिरफ्तारी भी हो सकती है।
- संवाद का तरीका सुधारें – विवाद को बातचीत से हल करें, न कि गाली-गलौज से।
- कानूनी मदद लें – यदि कोई आपको गाली देकर अपमानित करता है तो आप नजदीकी पुलिस थाने में FIR दर्ज कर सकते हैं।
7. निष्कर्ष
गाली देना केवल सामाजिक दृष्टि से अशोभनीय आचरण नहीं है बल्कि यह कई बार कानूनन अपराध भी बन जाता है। भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं। समाज में शांति और मर्यादा बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि हर नागरिक इन कानूनों का सम्मान करे और अपने व्यवहार में संयम रखे।
किसी को अपमानित करना अपराध है। शांति बनाए रखें, कानून का सम्मान करें।
1. धाराओं का सारांश (टेबल के रूप में)
धारा | अपराध का विवरण | सजा/दंड |
---|---|---|
IPC 294 | सार्वजनिक स्थान पर गाली देना / अश्लील भाषा प्रयोग | 3 माह तक जेल या जुर्माना या दोनों |
IPC 504 | जानबूझकर अपमानित करना और झगड़ा भड़काना | 2 वर्ष तक जेल या जुर्माना या दोनों |
IPC 506 | आपराधिक धमकी देना (जान से मारने तक की) | 2-7 वर्ष जेल + जुर्माना |
IPC 509 | महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाना | 3 वर्ष तक जेल + जुर्माना |
IT Act 67 | सोशल मीडिया / ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर गाली/ अश्लील पोस्ट | 3-5 वर्ष जेल + जुर्माना |
2. महत्वपूर्ण न्यायालय के निर्णय (Case Law)
केस का नाम | वर्ष | निर्णय/अवलोकन |
---|---|---|
Manik Taneja vs State of Karnataka | 2015 | सोशल मीडिया पर अपमानजनक भाषा भी अपराध है यदि उससे शांति भंग हो सकती है। |
State of Maharashtra vs Lokesh | 2018 | महिला को गाली देना IPC 509 के तहत अपराध है, चाहे निजी बातचीत हो। |
Delhi High Court (Cyber Bullying case) | 2021 | व्हाट्सएप/फेसबुक पर गाली देना IT Act 67 के तहत दंडनीय है। |
3. संवैधानिक आधार
- अनुच्छेद 19(1)(a): अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता।
- अनुच्छेद 19(2): यथोचित प्रतिबंध – शांति, नैतिकता, गरिमा की रक्षा हेतु।
4. सामाजिक और व्यावहारिक महत्व
- सामाजिक शांति की रक्षा।
- महिला सुरक्षा और सम्मान।
- ऑनलाइन उत्पीड़न (Cyber Bullying) पर नियंत्रण।