कराधान विधियां (TAXATION LAWs से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

  1. आय से आप क्या समझते हैं?
    आय वह धनराशि है जो किसी व्यक्ति, संस्था या संगठन को किसी कार्य, व्यवसाय, पेशे, या अन्य स्रोतों से प्राप्त होती है, जिसे आयकर अधिनियम के तहत कर योग्य माना जाता है।

  2. निर्धारिती को परिभाषित कीजिए।
    निर्धारिती वह व्यक्ति या संस्था होती है, जिस पर आयकर अधिनियम के तहत कर लगाया जाता है।
  3. कर निर्धारण वर्ष से आप क्या समझते हैं?
    कर निर्धारण वर्ष वह वर्ष होता है जिसमें कर निर्धारण की प्रक्रिया की जाती है, यानी उस वर्ष के दौरान किसी व्यक्ति की आय का आकलन किया जाता है।
  4. “गत वर्ष” से आप क्या समझते हैं?
    गत वर्ष वह वर्ष होता है जिसमें किसी व्यक्ति ने आय अर्जित की होती है और उस पर कर लगाया जाता है, जिसे कर निर्धारण वर्ष के दौरान आंका जाता है।
  5. कम्पनी को परिभाषित कीजिए।
    कम्पनी एक कानूनी इकाई होती है, जो व्यापार करने, संपत्ति रखने और अनुबंध करने के लिए बनाई जाती है। यह शेयरधारकों की होती है, और इसका संचालन निदेशकों द्वारा किया जाता है।
  6. कर निर्धारण अधिकारी से आप क्या समझते हैं?
    कर निर्धारण अधिकारी वह सरकारी अधिकारी होता है जो आयकर का निर्धारण, आयकर रिटर्न का मूल्यांकन और कर संबंधित अन्य कार्यों को निष्पादित करता है।
  7. “धर्मार्थ उद्देश्य” क्या है?
    धर्मार्थ उद्देश्य वह उद्देश्य होता है जिसमें किसी व्यक्ति या संस्था का प्रमुख उद्देश्य जनहित के कार्यों में सहायता करना होता है, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, धर्म, और समाज कल्याण।
  8. ‘लाभांश’ से आप क्या समझते हैं?
    लाभांश वह राशि होती है जो किसी कंपनी के लाभ से उसके शेयरधारकों को वितरित की जाती है।
  9. क्या जंगलों से होने वाली आय कर योग्य है? स्पष्ट करें।
    जंगलों से होने वाली आय कर योग्य हो सकती है यदि वह आय किसी व्यवसाय के रूप में हो, जैसे लकड़ी की बिक्री। लेकिन अगर वह आय कृषि के उद्देश्यों के लिए है तो उसे कुछ छूट मिल सकती है।
  10. ‘वेतन’ से आप क्या समझते हैं?
    वेतन वह राशि होती है जो किसी कर्मचारी को उसके द्वारा किए गए कार्य के बदले में नियमित रूप से भुगतान की जाती है।
  11. “वेतन पर आयकर” से आप क्या समझते हैं?
    वेतन पर आयकर वह कर होता है जो सरकार द्वारा किसी व्यक्ति के वेतन पर लगाया जाता है, और यह उसके आयकर रिटर्न में शामिल होता है।
  12. आयकर अधिनियम के तहत व्यापार को परिभाषित करें।
    आयकर अधिनियम के तहत व्यापार का मतलब किसी भी प्रकार के नियमित और व्यवस्थित व्यापारिक कार्य से है, जो लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से किया जाता है।
  13. पेशा को परिभाषित कीजिए।
    पेशा वह कार्य होता है जो किसी विशिष्ट दक्षता और विशेषज्ञता की आवश्यकता करता है, जैसे डॉक्टर, वकील, इंजीनियर आदि।
  14. व्यवसाय को परिभाषित कीजिए।
    व्यवसाय वह गतिविधि होती है जिसे लाभ कमाने के उद्देश्य से किया जाता है, जैसे उत्पाद निर्माण, खुदरा बिक्री, सेवा प्रदान करना आदि।
  15. अविलयन से आप क्या समझते हैं?
    अविलयन एक प्रक्रिया है जिसमें एक कंपनी अपनी संपत्तियां और दायित्वों को अन्य कंपनियों में समाहित कर देती है।
  16. अविलयित कम्पनी से आप क्या समझते हैं?
    अविलयित कम्पनी वह कम्पनी होती है जो अपने अस्तित्व को समाप्त करके अन्य कम्पनी में विलीन हो जाती है।
  17. कृषि विकासार्थ छूट क्या है?
    कृषि विकासार्थ छूट वह छूट होती है जो कृषि कार्य से संबंधित आय पर दी जाती है, ताकि कृषि क्षेत्र के विकास को बढ़ावा मिल सके।
  1. पूँजी सम्पत्ति से आप क्या समझते हैं?
    पूँजी सम्पत्ति वह सम्पत्ति होती है जिसे एक व्यक्ति या संस्था दीर्घकालिक निवेश के रूप में रखते हैं, जैसे भूमि, भवन, शेयर, या अन्य संपत्ति। इन पर यदि लाभ होता है तो उसे पूँजीगत लाभ (Capital Gains) कहा जाता है।
  2. पूँजी परिसम्पत्ति के सम्बन्ध में अन्तरण की व्याख्या करें।
    पूँजी परिसम्पत्ति के अन्तरण का मतलब है जब कोई व्यक्ति अपनी पूँजी परिसम्पत्ति (जैसे भूमि, भवन, शेयर) को किसी अन्य व्यक्ति को बेचता है या स्थानांतरित करता है, जिसके परिणामस्वरूप लाभ या हानि हो सकती है।
  3. ‘सन्तुलित प्रभार’ से आप क्या समझते हैं?
    सन्तुलित प्रभार वह प्रणाली होती है जिसमें कर का भार समाज के सभी वर्गों में समान रूप से वितरित किया जाता है, ताकि यह आर्थिक रूप से न्यायपूर्ण और व्यावहारिक हो।
  4. पूँजी व्यय एवं राजस्व व्यय में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
    पूँजी व्यय वह व्यय होता है जो किसी सम्पत्ति को खरीदने, निर्माण करने या बेहतर बनाने के लिए किया जाता है, और यह दीर्घकालिक लाभ के लिए होता है। जबकि राजस्व व्यय वह होता है जो सामान्य संचालन और रोजमर्रा के खर्चों के लिए किया जाता है।
  5. ‘दोहरे करारोपण’ से आप क्या समझते हैं?
    दोहरे करारोपण वह स्थिति होती है जिसमें एक व्यक्ति या संस्था को एक ही आय पर दो अलग-अलग देशों द्वारा कर लगाना होता है। यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय व्यापार या निवेश में उत्पन्न हो सकती है।
  6. समामेलन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
    समामेलन एक प्रक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक कंपनियाँ मिलकर एक नई कंपनी बनाती हैं या एक कंपनी दूसरी में समाहित हो जाती है। इसका उद्देश्य व्यापारिक दक्षता को बढ़ाना और लागत को कम करना होता है।
  7. ‘अनुलाभ’ से आप क्या समझते हैं?
    अनुलाभ वह अतिरिक्त लाभ या सुविधाएं होती हैं जो किसी कर्मचारी को उसके वेतन के अलावा अन्य रूपों में प्राप्त होती हैं, जैसे कंपनी का वाहन, आवास, या अन्य सेवाएं।
  8. ‘हास’ से आप क्या समझते हैं?
    हास या अवमूल्यन वह प्रक्रिया है जिसमें किसी सम्पत्ति के मूल्य में समय के साथ कमी आती है, जैसे मशीनरी या भवन का मूल्य घटना।
  9. ‘कर कब देय होता है और चूक में करदाता’ से आप क्या समझते हैं?
    कर देय वह समय होता है जब कर का भुगतान करना होता है। यदि करदाता समय पर कर का भुगतान नहीं करता है तो उसे चूक का दोषी माना जाता है और उस पर जुर्माना या ब्याज लग सकता है।
  10. ‘कृषि आय’ से आपका क्या तात्पर्य है?
    कृषि आय वह आय होती है जो कृषि कार्यों से प्राप्त होती है, जैसे फसलों की बिक्री, पशुपालन से आय, आदि।
  11. “आकस्मिक आय” से आपका क्या तात्पर्य है?
    आकस्मिक आय वह आय होती है जो किसी अप्रत्याशित या असाधारण घटना से प्राप्त होती है, जैसे लॉटरी जीतना या किसी संपत्ति का अचानक बढ़ा हुआ मूल्य।
  12. ‘आय के शीर्षक’ बतलाइये तथा मकान सम्पत्ति से आय को समझाइये।
    आय के शीर्षक मुख्यतः 5 होते हैं:
  • वेतन
  • व्यवसाय/व्यापार से आय
  • मकान सम्पत्ति से आय
  • पूँजीगत लाभ
  • अन्य स्रोतों से आय
    मकान सम्पत्ति से आय वह आय होती है जो किसी संपत्ति को किराए पर देने या उसे बेचने से प्राप्त होती है।
  1. पुनः कर निर्धारण से आपका क्या तात्पर्य है?
    पुनः कर निर्धारण का मतलब है कि यदि किसी कारणवश पहले किए गए कर निर्धारण में कोई गलती या छूट पाई जाती है, तो करदाता का फिर से आकलन करना।
  2. आयकर निरीक्षक से आप क्या समझते हैं?
    आयकर निरीक्षक वह सरकारी अधिकारी होता है जो आयकर के मामलों की जांच करता है, दस्तावेजों की सत्यता जांचता है, और कर निर्धारण की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
  3. अग्रिम कर से आप क्या समझते हैं?
    अग्रिम कर वह कर होता है जिसे आयकरदाता को अपनी आय पर होने वाले कर का पूर्वानुमान कर निर्धारित समय पर पहले से ही सरकार को चुकाना होता है।
  4. स्थायी खाता संख्या (PAN) से आप क्या समझते हैं?
    स्थायी खाता संख्या (PAN) एक विशिष्ट संख्या होती है जो आयकर विभाग द्वारा प्रत्येक करदाता को दी जाती है, और यह वित्तीय लेन-देन के लिए आवश्यक होती है।
  5. पेंशन एवं ग्रेच्युटी से आप क्या समझते हैं?
    पेंशन वह राशि होती है जो एक व्यक्ति को सेवानिवृत्त होने पर नियमित रूप से मिलती है। ग्रेच्युटी वह राशि होती है जो एक व्यक्ति को उसकी सेवा के अंत में एक निश्चित समय अवधि के बाद दी जाती है।
  6. ‘उपकर’ क्या है?
    उपकर एक अतिरिक्त कर होता है जो किसी विशिष्ट उद्देश्य या योजना के लिए लगाया जाता है, जैसे शिक्षा उपकर।
  7. ‘कर मुक्त वेतन’ से आप क्या समझते हैं?
    कर मुक्त वेतन वह वेतन होता है जिस पर आयकर नहीं लगता, क्योंकि यह कर से मुक्त होता है या इसे निर्धारित सीमा तक छूट मिलती है।
  8. हानियों को आगे ले जाने से आपका क्या तात्पर्य है?
    हानियों को आगे ले जाने का मतलब है कि यदि किसी वित्तीय वर्ष में कोई करदाता हानि अर्जित करता है, तो वह उसे भविष्य के वर्षों में समायोजित करके आय से घटा सकता है, ताकि उसका कर कम हो सके।
  1. कमिश्नर (अपील) के यहाँ अपील की कार्यविधि का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
    कमिश्नर (अपील) के यहाँ अपील करने की प्रक्रिया में करदाता पहले आयकर विभाग द्वारा किए गए आदेश के खिलाफ अपील दायर करता है। अपील को प्रस्तुत करने के बाद, कमिश्नर (अपील) अपीलकर्ता और आयकर विभाग से सभी संबंधित दस्तावेज़ों और प्रमाणों को प्राप्त करता है। इसके बाद, अपील की सुनवाई की जाती है और दोनों पक्षों के तर्कों के आधार पर निर्णय लिया जाता है।
  2. निम्नलिखित पर संक्षिप्त नोट लिखें-
    (i) व्यक्ति
    व्यक्ति वह व्यक्ति होता है जो आयकर अधिनियम के तहत करदाता के रूप में पंजीकृत होता है, और अपनी आय के आधार पर आयकर का भुगतान करता है।

(ii) हिन्दू अविभाजित परिवार
हिन्दू अविभाजित परिवार (HUF) एक पारिवारिक संरचना है जिसमें परिवार के सदस्य एक संयुक्त संपत्ति में रहते हैं और परिवार के प्रमुख (कर्ता) द्वारा उस संपत्ति का प्रबंधन किया जाता है।

  1. कर-भार से आपका क्या तात्पर्य है?
    कर-भार वह आर्थिक बोझ होता है जिसे किसी व्यक्ति या संस्था को कर के रूप में चुकाना होता है। यह वह राशि है जो एक व्यक्ति को अपनी आय या संपत्ति पर कर के रूप में सरकार को देनी होती है।
  2. निम्नलिखित पर संक्षिप्त नोट लिखें-
    (i) व्यवसाय
    व्यवसाय वह गतिविधि होती है जिसमें लाभ कमाने के उद्देश्य से निरंतर काम किया जाता है, जैसे उत्पाद बनाना या सेवाएं प्रदान करना।

(ii) परिणामी कम्पनी
परिणामी कम्पनी वह कम्पनी होती है जो एक कम्पनी के विलय या विभाजन के बाद अस्तित्व में आती है, और उसे नये नाम और संरचना के साथ चलाया जाता है।

  1. धनकर अधिनियम के अन्तर्गत ‘आस्तियाँ’ को परिभाषित करें।
    धनकर अधिनियम के तहत ‘आस्तियाँ’ उन सभी संपत्तियों और संसाधनों को कहा जाता है, जो किसी व्यक्ति के पास होती हैं, जैसे भूमि, भवन, नकद, निवेश, और अन्य संपत्ति।
  2. शुद्ध धन से आप क्या समझते हैं?
    शुद्ध धन वह राशि होती है जो किसी व्यक्ति की कुल संपत्ति (आस्तियाँ) में से उसकी कुल देनदारियों (बकाया ऋण) को घटाकर बचती है।
  3. ऐसी वस्तुओं को बतलाइये, जिन्हें आस्तियों में सम्मिलित नहीं किया जाता है।
    कुछ ऐसी वस्तुएं जो आस्तियों में शामिल नहीं की जाती हैं, उनमें व्यक्तिगत उपभोग की वस्तुएं, जैसे कपड़े, घरेलू सामान और वाहन शामिल होते हैं।
  4. धनकर अधिनियम के अन्तर्गत कर निर्धारण अधिकारी की परिभाषा दीजिए।
    धनकर अधिनियम के तहत कर निर्धारण अधिकारी वह व्यक्ति होता है जो धनकर के मामलों में कर निर्धारण करता है और संबंधित आदेश जारी करता है।
  5. धनकर अधिनियम के अन्तर्गत ‘वापसी’ से सम्बन्धित प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
    धनकर अधिनियम के तहत ‘वापसी’ का मतलब उस कर राशि की वापसी होता है जो करदाता ने अधिक भुगतान किया हो। इसे आवेदन पत्र के द्वारा दायर किया जाता है, और यदि सब कुछ सही पाया जाता है, तो करदाता को धन वापसी की जाती है।
  6. करदाता पहचान संख्या क्या है?
    करदाता पहचान संख्या (TIN) एक विशिष्ट संख्या होती है जो आयकर विभाग द्वारा प्रत्येक करदाता को दी जाती है, जो व्यापारिक लेन-देन या कर संबंधित कार्यों में उपयोग की जाती है।
  7. ई-कामर्स क्या है?
    ई-कामर्स वह व्यापारिक गतिविधि होती है जो इंटरनेट या अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से होती है, जैसे ऑनलाइन शॉपिंग, डिजिटल सेवा प्रदाता, आदि।
  8. केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत ‘इनपुट कर’ से क्या तात्पर्य है?
    केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत ‘इनपुट कर’ वह कर होता है जो एक व्यापारी द्वारा माल या सेवा खरीदने पर चुकाया जाता है, और इसे वह अपने आउटपुट कर (बिक्री पर लगाया गया कर) से समायोजित कर सकता है।
  1. केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत ‘इनपुट सेवा वितरक’ से आप क्या समझते हैं?
    ‘इनपुट सेवा वितरक’ (ISD) वह व्यक्ति या व्यवसाय होता है जो अन्य इकाइयों या शाखाओं को प्राप्त की गई सेवाओं पर चुकाए गए कर (input tax) को वितरित करता है। ISD का उद्देश्य उन करों का वितरण करना है जो संगठन के विभिन्न हिस्सों ने अपनी सेवाओं पर चुकाए हैं।
  2. जी० एस० टी० अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत नियुक्त अधिकारियों की शक्तियों का उल्लेख करें।
    जीएसटी अधिनियम के तहत नियुक्त अधिकारियों को निम्नलिखित शक्तियाँ होती हैं:
  • करदाता के लेखा-जोखा की जांच और निरीक्षण करना।
  • कर चोरी और धोखाधड़ी के मामलों में कार्रवाई करना।
  • जीएसटी के तहत निर्धारित कर और रिटर्न की वसूली करना।
  • किसी भी जगह पर तलाशी और जब्ती करने की शक्ति।
  • करदाताओं से जरूरी दस्तावेज़ प्राप्त करने का अधिकार।
  1. ‘जमा एवं नामे पत्र’ से आप क्या समझते हैं?
    ‘जमा पत्र’ वह दस्तावेज़ होता है जिसका उपयोग व्यापारी या सेवा प्रदाता अपने लेन-देन के बाद कर का भुगतान करते समय करते हैं। ‘नामे पत्र’ वह दस्तावेज़ होता है जिसे करदाता द्वारा अपनी कर-देयता की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए जारी किया जाता है। इन दोनों का उपयोग जीएसटी प्रणाली में टैक्स क्रेडिट और लेन-देन की स्थिति का सत्यापन करने के लिए किया जाता है।
  2. ‘उपभोक्ता कल्याण निधि’ से आप क्या समझते हैं?
    ‘उपभोक्ता कल्याण निधि’ एक ऐसा फंड होता है जिसे उपभोक्ताओं के हित में कार्य करने के लिए सरकार द्वारा स्थापित किया जाता है। यह फंड उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा, उनके कल्याण हेतु योजनाओं को लागू करने, और उपभोक्ता संरक्षण के लिए विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  3. परिसमापक कौन होता है?
    परिसमापक वह व्यक्ति होता है जो किसी संस्था या कंपनी के खातों का लेखा-जोखा, वित्तीय विवरण और अन्य आंकड़े का मूल्यांकन करता है और रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
  4. केन्द्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत अग्रिम विनिर्णय से क्या अभिप्रेत है?
    ‘अग्रिम विनिर्णय’ का मतलब है कि किसी करदाता को उसके व्यापार या सेवाओं के लिए जीएसटी कानून के तहत एक सवाल या विवाद का पहले से ही समाधान प्राप्त हो जाता है। इसका उद्देश्य व्यापारियों को अपने कर दायित्वों को स्पष्ट रूप से समझने में मदद करना होता है।
  5. पुनरीक्षण से आप क्या समझते हैं?
    पुनरीक्षण का मतलब है किसी निर्णय, आदेश या प्रक्रिया की पुनः जांच करना। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि पहले लिया गया निर्णय सही था या उसमें कोई सुधार की आवश्यकता है। पुनरीक्षण में आमतौर पर उच्च अधिकारियों या न्यायिक प्राधिकरण द्वारा कार्यवाही की जाती है।
  6. भारत में आयकर विधान का इतिहास

भारत में आयकर का इतिहास ब्रिटिश काल से जुड़ा हुआ है। भारतीय आयकर प्रणाली की शुरुआत 1860 में हुई थी, जब Sir James Wilson ने पहले भारतीय आयकर अधिनियम को लागू किया। यह अधिनियम मुख्य रूप से प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सरकार के राजस्व में वृद्धि के लिए था। इसके बाद 1886 में आयकर अधिनियम को संशोधित किया गया, और 1918 में भारतीय आयकर अधिनियम की शुरुआत हुई, जिसने एक स्थायी आयकर प्रणाली का निर्माण किया।
आधुनिक आयकर व्यवस्था की नींव भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 से पड़ी, जिसे 1 अप्रैल 1962 से लागू किया गया। इस अधिनियम ने आयकर कानून को व्यवस्थित किया और वर्तमान में यह भारत में आयकर निर्धारण और संग्रह के लिए प्रमुख कानूनी ढांचा है।

58. क्या भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 पूर्ण है?
भारतीय आयकर अधिनियम, 1961, भारत में आयकर प्रणाली के लिए मुख्य कानूनी दस्तावेज है, लेकिन यह पूरी तरह से “पूर्ण” नहीं कहा जा सकता। यह अधिनियम समय-समय पर संशोधन, परिवर्तन और अद्यतन के अधीन रहा है। नए कर नियम, छूट, और आयकर दरें समय के साथ बदलती रहती हैं। इसके अलावा, अदालतों के फैसलों और सरकार की घोषणाओं से भी अधिनियम की व्याख्या और समझ बदलती रहती है। इसलिए इसे “पूर्ण” नहीं माना जा सकता क्योंकि यह समय-समय पर संशोधित होता रहता है।

59. कृषि आय’ को भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 में परिभाषित करना और यह क्यों आयकर से मुक्त है

भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10(1) के तहत ‘कृषि आय’ को परिभाषित किया गया है। इसके अनुसार, कृषि आय वह आय है जो किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा कृषि कार्य (जैसे कि भूमि पर बुवाई, पैदावार उगाना और कृषि से संबंधित गतिविधियाँ) से प्राप्त होती है।

  1. यह आयकर से मुक्त होती है क्योंकि सरकार कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इसे कर मुक्त करती है। कृषि को देश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और इसे प्रोत्साहित करने के लिए कृषि आय पर कर नहीं लगाया जाता।
  2. भूमि से सम्बन्धित आय जो कृषि आय नहीं है
    कृषि से संबंधित कुछ आयें होती हैं, जो हालांकि भूमि से जुड़ी होती हैं, लेकिन उन्हें कृषि आय के रूप में नहीं माना जाता। उदाहरण के लिए:
  • भूमि का किराया: यदि भूमि कृषि कार्य के लिए नहीं, बल्कि अन्य उद्देश्यों जैसे व्यापार, उद्योग या भवन निर्माण के लिए दी जाती है, तो उससे प्राप्त किराया कृषि आय नहीं होगा।
  • खनिजों से प्राप्त आय: यदि भूमि पर खनिज या खनन कार्य होता है, तो उससे होने वाली आय कृषि आय नहीं मानी जाती।
  • बागवानी या वृक्षारोपण कार्य यदि केवल वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए किया जाए, तो वह भी कृषि आय नहीं होगी।
  1. ‘पूँजीगत व्यय’ और ‘आयगत व्यय’ के मध्य अन्तर
  • पूँजीगत व्यय (Capital Expenditure): यह वह व्यय है जो किसी संपत्ति के खरीदने, निर्माण करने, या उसकी हालत में सुधार करने के लिए किया जाता है और इसे लंबे समय तक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जाता है। यह व्यय बैलेंस शीट में पूँजी के रूप में दर्ज होता है।
  • आयगत व्यय (Revenue Expenditure): यह वह व्यय है जो रोजमर्रा के संचालन, उत्पादन, या सामान्य कार्य के लिए किया जाता है और यह तात्कालिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से होता है। इसे प्रॉफिट एंड लॉस खाता में खर्च के रूप में दर्ज किया जाता है।
  1. “समामेलन” से आप क्या समझते हैं?
    समामेलन (Amalgamation) वह प्रक्रिया होती है जिसमें दो या दो से अधिक कंपनियाँ मिलकर एक नई कंपनी का गठन करती हैं या एक कंपनी दूसरी कंपनी का अधिग्रहण करती है। यह प्रक्रिया वित्तीय उद्देश्यों को सुधारने और कंपनियों के आकार को बढ़ाने के लिए की जाती है। समामेलन में आमतौर पर एक कंपनी की संपत्ति, देनदारियाँ, और अन्य सभी मामलों को एकीकृत किया जाता है।
  2. निम्नलिखित में अन्तर स्पष्ट करें –
    (1) पूँजीगत प्राप्तियाँ और आयगत प्राप्तियाँ
  • पूँजीगत प्राप्तियाँ (Capital Receipts): यह वह प्राप्तियाँ होती हैं जो किसी संपत्ति के विक्रय, समामेलन, या संपत्ति के विनिमय से उत्पन्न होती हैं। ये आमतौर पर एक बार होती हैं और इसे पूँजी में जोड़ा जाता है।
  • आयगत प्राप्तियाँ (Revenue Receipts): यह प्राप्तियाँ सामान्य व्यापारिक गतिविधियों, उत्पादकता या बिक्री से उत्पन्न होती हैं। यह नियमित और पुनरावृत्त प्राप्तियाँ होती हैं, जो आमतौर पर आय के रूप में कर योग्य होती हैं।

(2) पूँजीगत हानि और आयगत हानि

  • पूँजीगत हानि (Capital Loss): यह हानि किसी पूँजी संपत्ति, जैसे शेयर, भूमि, या अन्य पूँजी संपत्ति के विक्रय पर होती है। यह हानि कर योग्य नहीं होती, लेकिन इसे पूँजीगत लाभ से समायोजित किया जा सकता है।
  • आयगत हानि (Revenue Loss): यह हानि आमतौर पर व्यापार या सेवाओं के संचालन से उत्पन्न होती है, और इसे व्यापार की आय से समायोजित किया जा सकता है।