“ओवरलोडिंग और निजी वाहन का वाणिज्यिक उपयोग: मोटर वाहन अधिनियम, IPC/CrPC और BNS के अंतर्गत कानूनी स्थिति और समाधान”
🔹 1. ओवरलोडिंग से संबंधित कानूनी प्रावधान
● मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (Motor Vehicles Act, 1988)
- धारा 113 – अधिकतम वजन की सीमा का उल्लंघन।
- धारा 114 – ओवरलोड वाहन को रोकना और जांच करना।
- धारा 194(1) – ओवरलोडिंग पर ₹2,000 प्रति टन अतिरिक्त वजन + ₹1,000 प्रति टन प्रति बार जुर्माना।
- धारा 39 – बिना पंजीकरण के वाहन चलाना भी अपराध है।
● वाहन में सवार व्यक्तियों की सीमा:
- दोपहिया: अधिकतम 2 व्यक्ति (एक चालक + एक पीछे सवार)
- तिपहिया (ऑटो): 3 से 4 यात्री (मॉडल अनुसार)
- चार पहिया निजी कार: 5-7 सवारियाँ अधिकतम (रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र में दर्ज)
- स्कूल वैन/प्राइवेट टैक्सी: RTO द्वारा निर्धारित संख्या से अधिक होने पर अवैध माना जाएगा।
🔹 2. निजी वाहन का व्यवसायिक प्रयोग और जिला पार करना:
● निजी वाहन को वाणिज्यिक रूप से प्रयोग करना अवैध है यदि:
- आप ‘निजी पंजीकरण (Private Registration)’ वाले वाहन का उपयोग माल ढुलाई, सवारी परिवहन, रेंटिंग या ओला/उबर जैसे कार्य में कर रहे हैं।
- बिना व्यवसायिक परमिट (Commercial Permit) के जिला/राज्य पार करना, और सवारियाँ ले जाना अपराध है।
● लागू प्रावधान:
- Motor Vehicles Act, 1988 की धारा 66 – बिना वैध परमिट के व्यापारिक गतिविधियाँ अवैध हैं।
- धारा 192A – अवैध व्यापारिक उपयोग पर ₹10,000 तक जुर्माना या वाहन सीज़ किया जा सकता है।
- RTO के पास वाहन की सूचना उपलब्ध रहती है (Private या Commercial)।
🔹 3. कानून के उल्लंघन पर क्या कार्रवाई हो सकती है?
● पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा संभावित कार्रवाई:
- चालान (e-Challan)
- फिटनेस/परमिट रद्द
- RC और DL सस्पेंड
- सीआरपीसी के तहत गिरफ्तारी (यदि जुर्म गंभीर है)
- कोर्ट में अभियोजन और भारी जुर्माना/कैद
- BNS या IPC की धाराएं लागू हो सकती हैं, जैसे –
🔹 4. IPC/CrPC में लागू धाराएँ (पुरानी प्रणाली):
● IPC (भारतीय दंड संहिता, 1860):
- धारा 279 – तेज़ या लापरवाही से वाहन चलाना
- धारा 336, 337, 338 – जीवन/शरीर को खतरे में डालने वाली ड्राइविंग
- धारा 420 – निजी वाहन का व्यापारिक झूठा प्रयोग धोखाधड़ी है
- धारा 188 – वैध आदेशों की अवहेलना
● CrPC (आपात जाँच, सीज़, चालान और कोर्ट में पेशी)
🔹 5. नए प्रावधान – भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023
● BNS की धारा अनुसार IPC की धाराओं का स्थान:
पुरानी IPC धारा | नई BNS धारा | अपराध |
---|---|---|
279 | BNS धारा 281 | लापरवाही से वाहन चलाना |
337/338 | BNS धारा 124 | जान को खतरे में डालना |
420 | BNS धारा 316 | धोखाधड़ी (Private वाहन से व्यवसाय) |
👉 अब अपराधों को “Cognizable/Non-cognizable” और “Bailable/Non-bailable” श्रेणियों में रखा गया है।
🔹 6. कैसे कानूनी कार्रवाई से बचा जा सकता है?
✅ कानूनी सुझाव:
- हमेशा वाहन का निर्धारित भार और यात्री सीमा का पालन करें।
- निजी वाहन को व्यवसायिक उपयोग में न लाएं जब तक आप वैध परमिट न लें।
- दूसरे जिले/राज्य में सवारी ले जाना हो तो ऑल इंडिया परमिट लें।
- पुलिस रोकती है तो आरसी, DL, बीमा, फिटनेस और PUC दिखाएं।
- बिना लाइसेंस या गलत उपयोग पर कोई बयान देने से बचें, वकील से सलाह लें।
🔔 अंतिम सुझाव: यह जानकारी जागरूकता और विधिक शैक्षणिक उद्देश्य हेतु है। यदि आपके साथ किसी केस की स्थिति बन रही हो, तो स्थानीय अधिवक्ता से संपर्क करें।