एडवोकेट, लॉयर, बैरिस्टर में अंतर क्या है?

“एडवोकेट”, “लॉयर”, और “बैरिस्टर” तीनों ही कानून के पेशेवर होते हैं, लेकिन इनके कार्यक्षेत्र और भूमिका में अंतर होता है:

  1. लॉयर (Lawyer): यह एक सामान्य शब्द है जो किसी भी कानूनी पेशेवर के लिए प्रयोग किया जाता है, जो कानूनी सेवाएँ प्रदान करता है। यह वकील, एडवोकेट, और बैरिस्टर आदि को शामिल करता है। यानी, एक लॉयर वह व्यक्ति होता है जिसने कानून में डिग्री हासिल की हो और जो कानूनी सलाह दे सकता है।
  2. एडवोकेट (Advocate): एडवोकेट वह व्यक्ति होता है जो अदालत में मुकदमा लड़ने के लिए अधिकृत होता है। यह शब्द विशेष रूप से भारत और कुछ अन्य देशों में प्रयोग होता है। एडवोकेट का कार्य अदालत में अपने क्लाइंट का प्रतिनिधित्व करना होता है। यह एक विशेष पेशेवर स्तर होता है और एडवोकेट बनने के लिए कानूनी शिक्षा और वकालत में अनुभव जरूरी होता है।
  3. बैरिस्टर (Barrister): यह शब्द खासकर ब्रिटिश कानून व्यवस्था में प्रयोग होता है। बैरिस्टर वह वकील होता है जो उच्च न्यायालय में मुकदमे की पैरवी करता है और उसे क्लाइंट से निर्देश प्राप्त करने के बाद अदालत में मामलों का प्रतिनिधित्व करने का विशेषाधिकार प्राप्त होता है। बैरिस्टर आम तौर पर वकालत के पेशे के विशेषज्ञ होते हैं और इन्हें अदालत में बहस और जिरह का अधिकार होता है।

संक्षेप में:

  • लॉयर: सामान्य कानूनी पेशेवर।
  • एडवोकेट: अदालत में मुकदमा लड़ने वाला वकील।
  • बैरिस्टर: उच्च न्यायालय में वकालत करने वाला विशेष प्रकार का वकील (विशेष रूप से ब्रिटिश और कुछ अन्य देशों में)।