महत्वपूर्ण आदेश और निर्णय: के. आर. सुरेश बनाम आर. पूर्णिमा एवं अन्य
शीर्षक: एडवांस सेल एग्रीमेंट में अग्रिम राशि (अर्नेस्ट मनी) की जब्ती पर सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय
भूमिका:
सुप्रीम कोर्ट ने के. आर. सुरेश बनाम आर. पूर्णिमा एवं अन्य (C.A. No. XXXX/2024) मामले में यह निर्णय दिया कि अग्रिम बिक्री समझौते (Advance Sale Agreement) के तहत खरीदार द्वारा दी गई अर्नेस्ट मनी (Earnest Money) को जब्त करना वैध है यदि खरीदार शेष बिक्री राशि का भुगतान करने में विफल रहता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि खरीदार की अनुबंध-पूर्वक देनदारी पूरी न होने पर विक्रेता को अग्रिम राशि को जब्त करने का अधिकार है।
मामले की पृष्ठभूमि:
इस मामले में खरीदार (K.R. Suresh) और विक्रेता (R. Poornima) के बीच एक अग्रिम बिक्री समझौता हुआ था जिसमें खरीदार ने कुल बिक्री मूल्य का एक हिस्सा बतौर अर्नेस्ट मनी जमा किया था। समझौते के अनुसार, शेष बिक्री राशि एक निश्चित समयावधि में अदा की जानी थी। हालाँकि, खरीदार ने समय पर शेष राशि का भुगतान नहीं किया, जिससे विक्रेता ने अग्रिम राशि (Earnest Money) को जब्त कर लिया और समझौता निरस्त कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय:
- अर्नेस्ट मनी का महत्व:
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अग्रिम बिक्री समझौते में दी गई अर्नेस्ट मनी, एक प्रकार की सुरक्षा होती है, जो खरीदार के समझौते को पूरा करने की गारंटी के रूप में जमा की जाती है। - समझौता तोड़ने पर जब्ती:
यदि खरीदार अपने दायित्व को पूरा नहीं करता (जैसे कि शेष राशि का भुगतान नहीं करता), तो विक्रेता को अग्रिम राशि जब्त करने का अधिकार है, ताकि उसे हुए नुकसान की भरपाई हो सके। - अनुबंध का उद्देश्य:
कोर्ट ने कहा कि समझौते का उद्देश्य था कि खरीदार अनुबंध को पूरा करेगा, और विक्रेता को नुकसान न हो। खरीदार के विफल होने पर अग्रिम राशि को जब्त करना न केवल उचित है बल्कि न्यायसंगत भी है। - विशेष प्रदर्शन के अधिकार:
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि खरीदार, जिसने खुद समझौते का उल्लंघन किया है, वह विशेष प्रदर्शन (Specific Performance) की मांग नहीं कर सकता।
प्रभाव और महत्व:
यह निर्णय संपत्ति के लेनदेन के क्षेत्र में अर्नेस्ट मनी की वैधता और महत्व को पुनः स्थापित करता है। यह खरीदारों के लिए एक चेतावनी भी है कि अनुबंध की शर्तों का सम्मान किया जाना चाहिए, अन्यथा अग्रिम राशि की जब्ती का जोखिम बना रहेगा।
निष्कर्ष:
के. आर. सुरेश बनाम आर. पूर्णिमा एवं अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय अनुबंध कानून के तहत अर्नेस्ट मनी की अवधारणा को मजबूत करता है और खरीदारों को अनुबंध के उल्लंघन पर संभावित परिणामों के प्रति सचेत करता है। यह निर्णय विक्रेताओं के हितों की भी रक्षा करता है ताकि वे खरीदारों की विफलता से हुए नुकसान की आंशिक भरपाई कर सकें।