1. इतिहास की परिभाषा क्या है?
उत्तर:
इतिहास मानव जाति के अतीत की घटनाओं का वैज्ञानिक, क्रमबद्ध और तर्कपूर्ण अध्ययन है। यह केवल तिथियों और युद्धों का संग्रह नहीं, बल्कि समाज, संस्कृति, राजनीति, अर्थव्यवस्था आदि का समग्र दृष्टिकोण है।
प्रसिद्ध इतिहासकार इ. एच. कार के अनुसार, “इतिहास अतीत और वर्तमान के बीच सतत संवाद है।” इतिहास से हमें सभ्यता के विकास और मानवीय भूलों से सीखने का अवसर मिलता है।
2. सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
सिंधु घाटी सभ्यता (2600–1900 ई.पू.) विश्व की प्राचीन नगर सभ्यताओं में से एक थी।
मुख्य विशेषताएँ:
- पक्की ईंटों से बने घर
- जल निकासी की उत्तम व्यवस्था
- हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, लोथल जैसे नगर
- मुद्रा, मोहरें, खेल की वस्तुएँ
- कृषि व व्यापार आधारित अर्थव्यवस्था
यह सभ्यता सुनियोजित नगरीय जीवन की मिसाल थी।
3. वैदिक सभ्यता क्या थी?
उत्तर:
वैदिक सभ्यता 1500 ई.पू. से 600 ई.पू. तक की भारतीय आर्य सभ्यता है। यह ऋग्वेद के साथ प्रारंभ होती है।
प्रारंभिक वैदिक काल: पंजाब व अफगान क्षेत्र में
उत्तर वैदिक काल: गंगा-यमुना क्षेत्र
विशेषताएँ:
- गोपालन और कृषि
- जनजातीय गणराज्य
- वर्ण व्यवस्था
- यज्ञ प्रधान धर्म
यह सभ्यता भारतीय संस्कृति की नींव मानी जाती है।
4. बौद्ध धर्म के सिद्धांत क्या हैं?
उत्तर:
बुद्ध ने चार आर्य सत्य और अष्टांगिक मार्ग पर बल दिया:
- दुख है
- दुख का कारण तृष्णा है
- दुख का अंत संभव है
- मोक्ष हेतु अष्टांगिक मार्ग अपनाओ
अष्टांगिक मार्ग: सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाणी आदि।
बौद्ध धर्म अहिंसा, करुणा और ध्यान पर आधारित है।
5. मौर्य वंश की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
मौर्य वंश (322–185 ई.पू.) भारत का पहला विशाल साम्राज्य था।
संस्थापक: चंद्रगुप्त मौर्य
प्रसिद्ध शासक: अशोक
विशेषताएँ:
- केंद्रीकृत शासन
- कुशल प्रशासन (कौटिल्य का अर्थशास्त्र)
- अशोक का धर्म प्रचार
- स्तंभ और शिलालेख
यह वंश भारत में एकता और प्रशासन की मिसाल है।
6. गुप्त काल को “स्वर्ण युग” क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
गुप्त काल (319–550 ई.) को भारत का “स्वर्ण युग” कहा जाता है क्योंकि इस काल में:
- साहित्य (कालिदास)
- विज्ञान (आर्यभट्ट)
- वास्तुकला (नालंदा, अजंता)
- धर्म व दर्शन (हिंदू, बौद्ध)
में अपूर्व उन्नति हुई।
राजा चंद्रगुप्त द्वितीय व समुद्रगुप्त महान शासक थे।
7. हर्षवर्धन कौन था?
उत्तर:
हर्षवर्धन (606–647 ई.) पुष्यभूति वंश का शासक था जिसने उत्तर भारत में साम्राज्य स्थापित किया।
राजधानी: कन्नौज
धर्म: प्रारंभ में शैव, बाद में बौद्ध
महत्व:
- काव्य रचनाएँ (नागानंद, रत्नावली)
- चीनी यात्री ह्वेनसांग का आगमन
- धार्मिक सहिष्णुता
वह अंतिम महान हिंदू सम्राट माना जाता है।
8. भक्ति आंदोलन के उद्देश्य क्या थे?
उत्तर:
भक्ति आंदोलन 7वीं–17वीं शताब्दी के बीच सामाजिक और धार्मिक सुधार आंदोलन था।
उद्देश्य:
- ईश्वर की व्यक्तिगत भक्ति
- जाति व्यवस्था का विरोध
- कर्मकांड और पाखंड का खंडन
प्रमुख संत: रामानुज, कबीर, तुलसीदास, मीराबाई
इस आंदोलन ने समाज में समरसता व एकता को बढ़ावा दिया।
9. अलाउद्दीन खिलजी की नीतियाँ बताइए।
उत्तर:
अलाउद्दीन खिलजी (1296–1316) दिल्ली सल्तनत का शक्तिशाली शासक था।
नीतियाँ:
- मूल्य नियंत्रण प्रणाली
- बाजार व्यवस्था
- सेना का नियमित भुगतान
- भूमि कर सुधार
- दक्षिण भारत पर विजय
वह एक कठोर किंतु सक्षम प्रशासक था।
10. मुगल प्रशासन की विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर:
मुगल प्रशासन अत्यंत संगठित व केंद्रीकृत था।
प्रमुख विशेषताएँ:
- मनसबदारी प्रणाली
- दीवाने-आम और दीवाने-खास
- भूमि कर नीति (टोडरमल)
- धार्मिक सहिष्णुता (अकबर की नीतियाँ)
यह प्रशासन राजस्व व सेना को कुशलता से जोड़ता था।
11. अकबर की धार्मिक नीति क्या थी?
उत्तर:
अकबर की धार्मिक नीति सुलह-ए-कुल (सर्वधर्म समभाव) पर आधारित थी।
विशेषताएँ:
- जज़िया कर समाप्त
- धार्मिक संवाद (इबादतखाना)
- “दीन-ए-इलाही” का निर्माण
- सभी धर्मों का सम्मान
अकबर धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक बन गया।
12. शिवाजी की प्रशासनिक व्यवस्था क्या थी?
उत्तर:
शिवाजी ने एक सुसंगठित प्रशासनिक प्रणाली स्थापित की थी।
मुख्य अंग:
- अष्ट प्रधान मंडल (8 मंत्री)
- चिट्ठा और खतौती प्रणाली
- स्वतंत्र न्याय प्रणाली
- राजस्व व्यवस्था
उनका शासन दृढ़ता, दक्षता और मर्यादा का प्रतीक था।
13. भारत में अंग्रेजों के आने के कारण क्या थे?
उत्तर:
अंग्रेज भारत में 1600 ई. में व्यापार के उद्देश्य से आए।
मुख्य कारण:
- पूर्वी मसालों की माँग
- व्यापारिक मार्गों पर नियंत्रण
- औद्योगिक कच्चे माल की आवश्यकता
बाद में उन्होंने धीरे-धीरे राजनैतिक सत्ता भी स्थापित की।
14. 1857 की क्रांति के प्रमुख कारण क्या थे?
उत्तर:
1857 की क्रांति को भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है।
कारण:
- राजनीतिक (राज्य हड़प नीति)
- सामाजिक (जातिगत भेदभाव)
- धार्मिक (मिशनरियों की गतिविधियाँ)
- सैन्य (कारतूस विवाद)
नेता: मंगल पांडे, झाँसी की रानी, तात्या टोपे
हालाँकि असंगठित नेतृत्व के कारण यह असफल रही।
15. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब और क्यों हुई?
उत्तर:
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में ए. ओ. ह्यूम द्वारा की गई थी।
उद्देश्य:
- भारतीयों को राजनीतिक मंच प्रदान करना
- सरकार तक जन-भावनाओं को पहुँचाना
- धीरे-धीरे स्वशासन की माँग
यह स्वतंत्रता आंदोलन का अग्रदूत बना।
16. विभाजन के समय भारत में उत्पन्न समस्याएँ क्या थीं?
उत्तर:
भारत का विभाजन 1947 में हुआ, जिससे अनेक समस्याएँ उत्पन्न हुईं:
- दंगे और हिंसा – हिंदू-मुस्लिम दंगों में लाखों लोग मारे गए।
- शरणार्थी समस्या – लाखों लोगों को विस्थापित होकर भारत या पाकिस्तान जाना पड़ा।
- संपत्ति का विभाजन – सरकारी संपत्तियों का बँटवारा करना कठिन कार्य था।
- कश्मीर विवाद – जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय को लेकर पाकिस्तान से संघर्ष हुआ।
- राजकीय एकीकरण – 562 रियासतों का भारत में विलय करना चुनौतीपूर्ण था।
इस विभाजन ने सामाजिक और भावनात्मक रूप से देश को गहरे तक प्रभावित किया।
17. गांधीजी के सत्याग्रह का अर्थ क्या है?
उत्तर:
सत्याग्रह का अर्थ है – सत्य और अहिंसा के बल पर अन्याय का विरोध। यह गांधीजी द्वारा विकसित एक नैतिक आंदोलन था।
विशेषताएँ:
- शारीरिक हिंसा का विरोध
- आत्मबल और नैतिक बल का प्रयोग
- अन्यायपूर्ण कानूनों का शांतिपूर्ण विरोध
उदाहरण: चंपारण सत्याग्रह (1917), खेडा आंदोलन (1918), डांडी मार्च (1930)।
सत्याग्रह ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में नैतिक दिशा प्रदान की।
18. चंपारण सत्याग्रह क्या था?
उत्तर:
1917 में बिहार के चंपारण जिले में गांधीजी ने पहला सत्याग्रह आंदोलन किया।
पृष्ठभूमि: ब्रिटिश नीलहे किसानों से तीनकठिया प्रणाली के तहत जबरन नील की खेती करवाते थे।
नतीजा:
- गांधीजी ने किसानों की स्थिति को उजागर किया।
- सरकार को समिति बनानी पड़ी।
- किसानों को न्याय मिला और तीनकठिया प्रणाली समाप्त हुई।
यह गांधीजी का भारत में पहला राजनीतिक आंदोलन था।
19. खिलाफत आंदोलन क्या था?
उत्तर:
1919–1924 के बीच भारत में मुस्लिम समुदाय द्वारा चलाया गया आंदोलन था, जिसका उद्देश्य तुर्की के खलीफा को बचाना था।
नेता: मोहम्मद अली और शौकत अली
गांधीजी ने इसे असहयोग आंदोलन से जोड़ा।
इसने हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ाया, लेकिन तुर्की में खलीफा की समाप्ति के बाद आंदोलन भी समाप्त हो गया।
20. असहयोग आंदोलन क्या था?
उत्तर:
गांधीजी द्वारा 1920 में प्रारंभ किया गया आंदोलन, जिसमें अंग्रेज़ी शासन के सहयोग से इंकार किया गया।
प्रमुख कदम:
- सरकारी नौकरी, न्यायालय, स्कूल का बहिष्कार
- विदेशी वस्त्रों का त्याग
- खादी और स्वदेशी का प्रयोग
यह आंदोलन चौरी-चौरा कांड (1922) के बाद स्थगित कर दिया गया।
21. सविनय अवज्ञा आंदोलन क्या था?
उत्तर:
1930 में गांधीजी द्वारा प्रारंभ यह आंदोलन अंग्रेजी कानूनों की शांतिपूर्ण अवहेलना पर आधारित था।
मुख्य घटना: डांडी मार्च (नमक सत्याग्रह)
अन्य कदम: नमक बनाना, कर न देना, विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार
यह आंदोलन भारतीय जनता को व्यापक रूप से संगठित करने में सफल रहा।
22. भारत छोड़ो आंदोलन क्यों प्रारंभ किया गया?
उत्तर:
8 अगस्त 1942 को गांधीजी ने “भारत छोड़ो” का नारा दिया।
कारण:
- ब्रिटिश सरकार का द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीयों की सहमति के बिना शामिल होना।
- क्रिप्स मिशन की असफलता
नतीजा: - व्यापक जन आंदोलन
- गांधीजी सहित कई नेताओं की गिरफ्तारी
यह आंदोलन स्वतंत्रता की दिशा में निर्णायक साबित हुआ।
23. भारतीय संविधान निर्माण की प्रक्रिया कब शुरू हुई?
उत्तर:
भारतीय संविधान निर्माण की प्रक्रिया 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक से शुरू हुई।
संविधान सभा अध्यक्ष: डॉ. राजेंद्र प्रसाद
ड्राफ्टिंग कमेटी अध्यक्ष: डॉ. भीमराव अंबेडकर
संविधान अंगीकरण: 26 नवंबर 1949
प्रभावी तिथि: 26 जनवरी 1950
इसमें लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय को स्थान दिया गया।
24. भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सुभाष चंद्र बोस की भूमिका क्या थी?
उत्तर:
सुभाष चंद्र बोस क्रांतिकारी नेता थे जो “नेताजी” के नाम से प्रसिद्ध हैं।
मुख्य योगदान:
- इंडियन नेशनल आर्मी (INA) का गठन
- आज़ाद हिंद फौज का नेतृत्व
- “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा”
- द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के सहयोग से अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध
उन्होंने भारत की स्वतंत्रता में एक सशस्त्र संघर्ष की नीति अपनाई।
25. जलियाँवाला बाग हत्याकांड क्या था?
उत्तर:
13 अप्रैल 1919 को जनरल डायर ने अमृतसर के जलियाँवाला बाग में निहत्थी भीड़ पर गोलीबारी कर दी।
परिणाम:
- सैकड़ों लोग मारे गए, हजारों घायल
- देशभर में रोष और विरोध
- रवींद्रनाथ टैगोर ने “नाइटहुड” की उपाधि लौटा दी
यह घटना भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक क्रांतिकारी मोड़ बनी।
26. रौलेट एक्ट क्या था?
उत्तर:
1919 में ब्रिटिश सरकार द्वारा पारित एक काला कानून, जिसमें बिना मुकदमा चलाए किसी को भी जेल भेजा जा सकता था।
प्रभाव:
- गांधीजी ने देशभर में विरोध शुरू किया
- इसके विरोध में ही जलियाँवाला बाग जैसी घटनाएँ हुईं
इसने भारतवासियों में असंतोष की आग भड़का दी।
27. भारतीय पुनर्जागरण क्या था?
उत्तर:
19वीं शताब्दी में भारतीय समाज, धर्म, शिक्षा और संस्कृति में जो चेतना और सुधार की लहर आई, उसे भारतीय पुनर्जागरण कहते हैं।
प्रमुख नेता: राजा राममोहन राय, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, स्वामी विवेकानंद
उद्देश्य:
- अंधविश्वास व कुरीतियों का विरोध
- स्त्री शिक्षा और विधवा पुनर्विवाह का समर्थन
इस आंदोलन ने आधुनिक भारत की नींव रखी।
28. राजा राममोहन राय के सुधार कार्य क्या थे?
उत्तर:
राजा राममोहन राय को “भारतीय पुनर्जागरण का जनक” कहा जाता है।
मुख्य कार्य:
- सती प्रथा का विरोध (1830 में समाप्त)
- ब्राह्म समाज की स्थापना (1828)
- स्त्री शिक्षा और विधवा पुनर्विवाह का समर्थन
- प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की माँग
वे आधुनिक विचारों के प्रथम वाहक थे।
29. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका बताइए।
उत्तर:
भारतीय महिलाओं ने स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय योगदान दिया।
प्रमुख महिलाएँ:
- झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई
- सरोजिनी नायडू
- अरुणा आसफ़ अली
- भीकाजी कामा
- कस्तूरबा गांधी
उन्होंने आंदोलनों में भाग लिया, जेल गईं और नेतृत्व किया।
30. दांडी यात्रा का महत्व बताइए।
उत्तर:
12 मार्च 1930 को गांधीजी ने साबरमती से दांडी तक 240 किमी की यात्रा कर नमक कानून तोड़ा।
महत्व:
- अंग्रेजों के अन्यायपूर्ण कानूनों के खिलाफ आवाज
- जनता की बड़ी भागीदारी
- अहिंसक संघर्ष का प्रतीक
यह सविनय अवज्ञा आंदोलन का प्रारंभिक चरण था।
31. भारतीय इतिहास में भक्ति और सूफी आंदोलन का प्रभाव बताइए।
उत्तर:
भक्ति और सूफी आंदोलन ने सामाजिक और धार्मिक सुधारों को बढ़ावा दिया।
प्रभाव:
- जातिवाद, धार्मिक कट्टरता का विरोध
- भाषा और साहित्य का विकास
- हिंदू-मुस्लिम एकता
- आध्यात्मिक समानता
इसने भारतीय समाज को एक नई दिशा दी।
32. शिवाजी के राज्याभिषेक का महत्व बताइए।
उत्तर:
6 जून 1674 को रायगढ़ किले में शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ।
महत्व:
- मराठा साम्राज्य की स्थापना
- हिंदू स्वराज्य की पुनर्स्थापना
- मुस्लिम शासकों के विरोध का प्रतीक
यह मराठों के आत्मसम्मान और संगठन का प्रतीक था।
33. विजयनगर साम्राज्य की विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर:
विजयनगर साम्राज्य (1336–1646) दक्षिण भारत का एक शक्तिशाली हिंदू राज्य था।
विशेषताएँ:
- सुशासन और व्यापारिक समृद्धि
- उत्कृष्ट वास्तुकला (हम्पी)
- कला और साहित्य का संरक्षण
- मुस्लिम आक्रमणों से दक्षिण भारत की रक्षा
यह दक्षिण भारत की सांस्कृतिक पहचान बना।
34. भारतीय इतिहास में आर्यभट्ट का योगदान बताइए।
उत्तर:
आर्यभट्ट (5वीं शताब्दी) भारत के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे।
योगदान:
- “आर्यभटीय” ग्रंथ की रचना
- π (पाई) का सटीक मान
- शून्य की अवधारणा
- पृथ्वी की गोलता और धुरी पर घूमना
उनका ज्ञान आधुनिक विज्ञान की नींव था।
35. ताजमहल का ऐतिहासिक महत्व बताइए।
उत्तर:
ताजमहल एक विश्व प्रसिद्ध मक़बरा है जिसे मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया।
निर्माण: 1632–1653
स्थान: आगरा
महत्व:
- प्रेम का प्रतीक
- मुग़ल वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण
- विश्व धरोहर (UNESCO)
यह भारत की सांस्कृतिक पहचान है।
36. अजंता और एलोरा की गुफाएँ किसके लिए प्रसिद्ध हैं?
उत्तर:
अजंता और एलोरा की गुफाएँ महाराष्ट्र राज्य में स्थित हैं और यह प्राचीन भारतीय कला, वास्तुकला और चित्रकला का अद्भुत उदाहरण हैं।
- अजंता गुफाएँ: बौद्ध धर्म से संबंधित हैं (2वीं शताब्दी ई.पू. – 6वीं शताब्दी)। यहाँ की चित्रकला जेतक कथाओं को दर्शाती है।
- एलोरा गुफाएँ: हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म की संगमस्थली हैं (6वीं – 9वीं शताब्दी)।
कैलाश मंदिर (गुफा 16) – एक ही पत्थर को काटकर बनाया गया विश्व का अद्वितीय उदाहरण है।
ये गुफाएँ भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और कला की गौरवशाली परंपरा को दर्शाती हैं।
37. इलाहाबाद स्तंभ लेख का क्या महत्व है?
उत्तर:
इलाहाबाद स्तंभ लेख समुद्रगुप्त के समय का एक प्रमुख अभिलेख है जिसे हरिषेण ने संस्कृत में लिखा था।
महत्व:
- समुद्रगुप्त के साम्राज्य विस्तार, दया, धर्म और वीरता का वर्णन करता है।
- इसमें दक्षिण भारत, पूर्वी भारत और सीमावर्ती राज्यों की विजयगाथा है।
- यह गुप्तकालीन राजनीतिक इतिहास का मूल्यवान स्रोत है।
इस लेख से गुप्त वंश की सैन्य और सांस्कृतिक महानता का पता चलता है।
38. मनुस्मृति का ऐतिहासिक महत्व बताइए।
उत्तर:
मनुस्मृति प्राचीन भारत का एक प्रमुख धर्मशास्त्र है, जो धर्म, सामाजिक व्यवस्था और कानूनों का वर्णन करता है।
मुख्य विषय:
- वर्ण व्यवस्था
- स्त्रियों की स्थिति
- राजा और प्रजा के कर्तव्य
- दंड नीति
हालाँकि इसमें जातिवाद और असमानता को समर्थन मिला, लेकिन यह भारतीय विधि इतिहास का आधारभूत ग्रंथ रहा है।
39. नालंदा विश्वविद्यालय की विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर:
नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन भारत का विश्व प्रसिद्ध शिक्षण केंद्र था, जो 5वीं से 12वीं शताब्दी तक सक्रिय रहा।
स्थान: बिहार
संस्थापक: कुमारगुप्त (गुप्त वंश)
विशेषताएँ:
- हजारों विद्यार्थी और शिक्षक
- बौद्ध, वैदिक, दर्शन, चिकित्सा आदि की पढ़ाई
- पुस्तकालय (धर्मगंज) विश्व प्रसिद्ध
चीन के ह्वेनसांग और इत्सिंग जैसे यात्रियों ने इसकी प्रशंसा की। यह 1193 में बख्तियार खिलजी द्वारा नष्ट कर दिया गया।
40. बख्तियार खिलजी कौन था?
उत्तर:
बख्तियार खिलजी दिल्ली सल्तनत का एक सेनापति था जिसने 1193 ई. में नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालयों को नष्ट कर दिया।
- यह कुतुबुद्दीन ऐबक के अधीन था।
- बिहार और बंगाल में इस्लामी शासन की नींव रखी।
- उसका कार्य सांस्कृतिक हानि का कारण बना।
वह भारत में इस्लामी सत्ता के विस्तार का एक प्रमुख चेहरा था।
41. खिज्र खाँ कौन था?
उत्तर:
खिज्र खाँ सैय्यद वंश का संस्थापक था जिसने 1414 ई. में दिल्ली की गद्दी संभाली।
- यह तैमूर लंग का प्रतिनिधि था।
- उसने खुद को “रायते-इलाही” कहलवाया, “सुल्तान” नहीं।
- उसका शासन कमजोर था और उसकी सत्ता केवल दिल्ली व आस-पास तक सीमित रही।
उसके बाद सैय्यद वंश के अन्य कमजोर शासक आए और अंततः लोदी वंश ने सत्ता संभाली।
42. बाबरनामा किसने लिखा और उसमें क्या वर्णित है?
उत्तर:
बाबरनामा बाबर की आत्मकथा है जिसे उसने तुर्की भाषा में लिखा।
- इसमें उसके जीवन, युद्धों, भारत पर आक्रमण, राजनीति, संस्कृति और प्रकृति का वर्णन है।
- यह मुग़ल काल का प्रथम ऐतिहासिक ग्रंथ माना जाता है।
- इसका फारसी में अनुवाद अकबर के दरबार में हुआ।
बाबरनामा हमें उस काल के समाज और शासन की विस्तृत जानकारी देता है।
43. हुमायूँनामा किसने लिखा और इसका महत्व क्या है?
उत्तर:
हुमायूँनामा को गुलबदन बेगम (हुमायूँ की बहन) ने लिखा।
- यह एकमात्र महिला द्वारा लिखित मुग़ल कालीन ऐतिहासिक ग्रंथ है।
- इसमें हुमायूँ के जीवन, दरबारी संस्कृति, राजनीति और परिवारिक संबंधों का वर्णन है।
इस ग्रंथ से मुग़ल दरबार की आंतरिक संरचना और सम्राटों के व्यक्तिगत जीवन की जानकारी मिलती है।
44. अकबर द्वारा अपनाई गई नीति ‘दीन-ए-इलाही’ क्या थी?
उत्तर:
दीन-ए-इलाही एक नया धर्म था जिसे अकबर ने 1582 ई. में शुरू किया।
उद्देश्य:
- सभी धर्मों की अच्छाइयों को मिलाकर एक सार्वभौमिक धार्मिक मार्ग बनाना।
विशेषताएँ: - एकेश्वरवाद
- जीवों पर दया
- धार्मिक सहिष्णुता
- बलि प्रथा का विरोध
हालाँकि यह धर्म लोकप्रिय नहीं हुआ और अकबर के बाद समाप्त हो गया।
45. राणा प्रताप और अकबर के बीच हल्दीघाटी युद्ध क्या था?
उत्तर:
हल्दीघाटी युद्ध 1576 ई. में अकबर और राणा प्रताप के बीच लड़ा गया।
- अकबर की सेना का नेतृत्व मानसिंह ने किया।
- राणा प्रताप ने वीरता से युद्ध लड़ा, परंतु पराजित हुए।
महत्व: - यह युद्ध भले ही निर्णायक नहीं था, पर राणा प्रताप की स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक बन गया।
- उनका घोड़ा चेतक आज भी वीरता का प्रतीक है।
46. शिवाजी की ‘गणराज्य’ स्थापना का क्या महत्व है?
उत्तर:
शिवाजी ने 1674 में मराठा गणराज्य की स्थापना की।
महत्व:
- दक्षिण भारत में एक स्वतंत्र हिंदू राज्य
- मुग़लों की सत्ता को चुनौती
- प्रशासनिक सुधार (अष्टप्रधान मंडल)
- स्वदेशी शासन की प्रेरणा
उनकी शासन प्रणाली बाद में पेशवाओं के माध्यम से विस्तृत हुई।
47. औरंगज़ेब की धार्मिक नीति पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
औरंगज़ेब की धार्मिक नीति कट्टरपंथी थी।
नीतियाँ:
- जज़िया कर की पुनः शुरुआत
- मंदिरों का विध्वंस
- गैर-मुस्लिमों पर प्रतिबंध
परिणाम: - राजपूतों, सिखों और मराठों से संघर्ष बढ़ा
- साम्राज्य में अस्थिरता आई
उसकी नीतियाँ मुग़ल साम्राज्य की गिरावट का कारण बनीं।
48. बंगाल का नवाब सिराजुद्दौला और प्लासी युद्ध का वर्णन करें।
उत्तर:
सिराजुद्दौला बंगाल का अंतिम स्वतंत्र नवाब था।
प्लासी युद्ध (1757): अंग्रेजों (रॉबर्ट क्लाइव) और सिराजुद्दौला के बीच लड़ा गया।
परिणाम:
- मीर जाफर की गद्दारी से सिराज की हार
- अंग्रेजों को बंगाल में सत्ता मिली
- भारत में ब्रिटिश शासन की नींव पड़ी
यह युद्ध भारत के औपनिवेशिक युग की शुरुआत मानी जाती है।
49. 1857 की क्रांति में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका क्या थी?
उत्तर:
रानी लक्ष्मीबाई ने 1857 की क्रांति में वीरता से अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध किया।
कारण: ब्रिटिशों ने झाँसी को हड़पने का प्रयास किया।
महत्वपूर्ण कार्य:
- युद्ध में घोड़े पर पुत्र के साथ वीरता से लड़ीं।
- ग्वालियर में अंतिम युद्ध में शहीद हुईं।
वह भारतीय वीरांगनाओं की प्रतीक बन गईं।
50. राजा राममोहन राय ने सती प्रथा के विरोध में क्या किया?
उत्तर:
राजा राममोहन राय ने 19वीं शताब्दी में सती प्रथा (पति की चिता पर स्त्री को जलाना) के विरुद्ध आवाज उठाई।
प्रमुख कार्य:
- धार्मिक, नैतिक और सामाजिक तर्कों से प्रथा का विरोध
- सरकार को ज्ञापन देना
- प्रेस और समाज के माध्यम से जनजागरण
परिणाम: - 1829 में लॉर्ड विलियम बेंटिक ने सती प्रथा को कानून द्वारा समाप्त किया
उनका यह प्रयास आधुनिक भारत के सामाजिक सुधार की दिशा में मील का पत्थर था।