अर्थशास्त्र – I (Economics – I) Part-2

51. कृषि अर्थशास्त्र क्या है?

उत्तर:
कृषि अर्थशास्त्र अर्थशास्त्र की वह शाखा है जो कृषि उत्पादन, वितरण, मूल्य निर्धारण, भूमि उपयोग, कृषि श्रमिकों और ग्रामीण विकास का अध्ययन करती है।
इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र की उत्पादकता, किसानों की आय और जीवनस्तर में वृद्धि करना है।
यह भूमि सुधार, फसल बीमा, समर्थन मूल्य, कृषि विपणन, और सिंचाई नीति आदि को भी शामिल करता है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में इसका विशेष महत्व है।


52. हरित क्रांति क्या है?

उत्तर:
हरित क्रांति भारत में 1960 के दशक में शुरू हुई एक कृषि आंदोलन है, जिसका उद्देश्य उन्नत तकनीक और हाईब्रिड बीजों के माध्यम से खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाना था।
मुख्य तत्व:

  • HYV बीज
  • रासायनिक उर्वरक
  • सिंचाई व्यवस्था
  • मशीनरी का प्रयोग
    इससे भारत खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बना, परंतु इससे क्षेत्रीय असमानता और पर्यावरणीय दुष्प्रभाव भी उत्पन्न हुए।

53. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) क्या है?

उत्तर:
न्यूनतम समर्थन मूल्य वह मूल्य है जो सरकार किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम भुगतान की गारंटी देती है, चाहे बाजार में मूल्य इससे कम क्यों न हो।
MSP का उद्देश्य:

  • किसानों को मूल्य में गिरावट से बचाना
  • उत्पादन को प्रोत्साहित करना
  • खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित करना
    भारत में यह नीति मुख्यतः गेहूँ, धान, सरसों, दालों आदि के लिए लागू होती है।

54. गरीबी रेखा क्या है?

उत्तर:
गरीबी रेखा वह न्यूनतम आय स्तर है जिसके नीचे व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताएँ (भोजन, वस्त्र, आवास) पूरी नहीं होतीं।
भारत में इसे कालोरी आधारित मापदंड (2100 कैलोरी शहरी व 2400 ग्रामीण) के आधार पर भी मापा गया है।
गरीबी रेखा का निर्धारण योजना आयोग, बाद में नीति आयोग द्वारा किया गया है।


55. गरीबी उन्मूलन के उपाय बताइए।

उत्तर:
गरीबी हटाने के प्रमुख उपाय:

  1. ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनाएँ (MGNREGA)
  2. स्वरोजगार योजनाएँ (SGSY, PMEGP)
  3. शिक्षा और कौशल विकास
  4. सस्ता राशन वितरण प्रणाली
  5. न्यूनतम मजदूरी कानून
  6. सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ
    इन उपायों से गरीबों को आजीविका और आत्मनिर्भरता की दिशा में सहायता मिलती है।

56. बेरोजगारी के प्रकार बताइए।

उत्तर:
बेरोजगारी कई प्रकार की होती है:

  1. खुली बेरोजगारी – कार्य न मिलने की स्थिति।
  2. छिपी बेरोजगारी – अधिक लोग काम में लगे हैं पर योगदान सीमित।
  3. मौसमी बेरोजगारी – कृषि व निर्माण क्षेत्रों में मौसम आधारित।
  4. शिक्षित बेरोजगारी – योग्य लोगों को काम नहीं मिलना।
  5. तकनीकी बेरोजगारी – मशीनों के कारण काम का अभाव।
    इनकी रोकथाम हेतु सरकार कौशल विकास व स्वरोजगार योजनाएँ चला रही है।

57. राष्ट्रीय आय क्या है?

उत्तर:
राष्ट्रीय आय किसी देश की सीमाओं के भीतर एक वर्ष में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य का योग है, जो नागरिकों द्वारा अर्जित किया गया हो।
राष्ट्रीय आय = उपभोग + बचत + कर + निवेश
यह देश की आर्थिक प्रगति का प्रमुख मापक है।
भारत में इसे CSO (अब NSO) द्वारा मापा जाता है।


58. राष्ट्रीय आय की गणना की विधियाँ क्या हैं?

उत्तर:
राष्ट्रीय आय मापने के तीन प्रमुख तरीके हैं:

  1. उत्पादन विधि (Production Method): विभिन्न क्षेत्रों के कुल उत्पादन का मूल्य।
  2. आय विधि (Income Method): सभी नागरिकों की आय को जोड़ना।
  3. व्यय विधि (Expenditure Method): उपभोग, निवेश, सरकारी व्यय और शुद्ध निर्यात का योग।
    भारत में इन तीनों का संयोजन करके राष्ट्रीय आय मापी जाती है।

59. सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) क्या है?

उत्तर:
GNP एक वर्ष में किसी देश के नागरिकों द्वारा देश और विदेश में उत्पन्न सभी वस्तुओं व सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य है।
GNP = GDP + विदेश से आय – विदेश को भुगतान
यह देश की वैश्विक आय को दर्शाता है। यह राष्ट्रीयता के आधार पर गणना की जाती है।


60. मानव विकास सूचकांक (HDI) क्या है?

उत्तर:
HDI संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा विकसित एक मापदंड है जो किसी देश के मानव विकास के स्तर को दर्शाता है।
तीन घटक:

  1. जीवन प्रत्याशा (Health)
  2. शिक्षा स्तर (Education)
  3. प्रति व्यक्ति आय (Income)
    HDI का स्कोर 0 से 1 के बीच होता है। भारत की रैंकिंग समय-समय पर बदलती रहती है।

61. मुद्रास्फीति और मूल्यवृद्धि में अंतर बताइए।

उत्तर:
मूल्यवृद्धि किसी वस्तु विशेष के मूल्य में वृद्धि है, जबकि
मुद्रास्फीति समस्त वस्तुओं और सेवाओं के औसत मूल्य स्तर में स्थायी वृद्धि है।
मुद्रास्फीति का प्रभाव व्यापक होता है और यह मुद्रा की क्रयशक्ति को कम करता है।


62. कर और शुल्क में अंतर बताइए।

उत्तर:
| आधार | कर (Tax) | शुल्क (Fee) | |——|———-|————–| | उद्देश्य | सरकारी आमदनी | सेवा शुल्क | | अनिवार्यता | अनिवार्य | सेवा प्राप्ति पर निर्भर | | उदाहरण | आयकर, GST | परीक्षा शुल्क, लाइसेंस शुल्क |

कर भुगतान पर कोई प्रत्यक्ष सेवा नहीं मिलती, जबकि शुल्क के बदले सेवा दी जाती है।


63. वाणिज्य और व्यापार में अंतर बताइए।

उत्तर:
व्यापार वस्तुओं व सेवाओं की खरीद-बिक्री है, जबकि
वाणिज्य व्यापार की सहायक गतिविधियाँ जैसे परिवहन, भंडारण, बीमा, बैंकिंग आदि है।
| व्यापार | क्रय-विक्रय |
| वाणिज्य | परिवहन, बीमा आदि |
दोनों मिलकर व्यावसायिक व्यवस्था को पूर्ण करते हैं।


64. श्रम कानूनों का महत्व बताइए।

उत्तर:
श्रम कानून मजदूरों के अधिकारों की रक्षा और शोषण रोकने हेतु बनाए जाते हैं।
इनका उद्देश्य:

  • उचित मजदूरी सुनिश्चित करना
  • कार्यस्थल पर सुरक्षा
  • काम के घंटे व अवकाश का निर्धारण
  • सामाजिक सुरक्षा (PF, ESI)
    श्रम कानूनों से औद्योगिक शांति और उत्पादकता में वृद्धि होती है।

65. सकल मूल्य वर्धन (GVA) क्या होता है?

उत्तर:
GVA वह मूल्य है जो किसी क्षेत्र द्वारा उत्पादन में जोड़ा गया है।
GVA = कुल उत्पादन – इनपुट लागत
यह दर्शाता है कि किसी क्षेत्र ने अर्थव्यवस्था में कितना योगदान दिया है।
उदाहरण: कृषि, उद्योग, सेवा – सभी का GVA अलग होता है।


66. भारत की अर्थव्यवस्था की विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर:
भारत की अर्थव्यवस्था एक विकासशील मिश्रित अर्थव्यवस्था है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं:

  1. कृषि प्रधानता: अब भी बड़ी जनसंख्या कृषि पर निर्भर है।
  2. विकासशील अवस्था: औद्योगीकरण व तकनीकी विकास की प्रक्रिया जारी है।
  3. मिश्रित अर्थव्यवस्था: सरकारी व निजी क्षेत्र दोनों सह-अस्तित्व में हैं।
  4. जनसंख्या वृद्धि: तीव्र जनसंख्या वृद्धि, संसाधनों पर दबाव।
  5. व्यापार घाटा: आयात अधिक, निर्यात कम।
  6. सामाजिक असमानता: आय-वितरण में असमानता विद्यमान है।

67. भारत में आर्थिक नियोजन की शुरुआत कब हुई?

उत्तर:
भारत में आर्थिक नियोजन की शुरुआत 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना से हुई।

  • इसे पं. जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में लागू किया गया।
  • इसका उद्देश्य था: कृषि विकास, सिंचाई, भूमि सुधार और गरीबी उन्मूलन।
  • इसकी प्रेरणा सोवियत संघ के योजनात्मक विकास से ली गई थी।

68. पंचवर्षीय योजना क्या है?

उत्तर:
पंचवर्षीय योजना वह योजना होती है जो पाँच वर्षों की अवधि के लिए देश के आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक विकास की रूपरेखा प्रस्तुत करती है।
भारत में अब तक 12 पंचवर्षीय योजनाएँ लागू हो चुकी हैं।
2017 के बाद पंचवर्षीय योजनाओं को बंद कर नीति आयोग के अंतर्गत तीन वर्षीय, सात वर्षीय और पंद्रह वर्षीय योजनाएँ लागू की जा रही हैं।


69. योजना आयोग और नीति आयोग में अंतर बताइए।

आधार योजना आयोग नीति आयोग
गठन 1950 2015
स्वरूप सांविधिक निकाय नहीं नीति निर्धारण संस्था
दृष्टिकोण केंद्रकृत योजना भागीदारी आधारित विकास
प्रमुख उपप्रधानमंत्री या प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री

नीति आयोग सहकारी संघवाद और सतत विकास पर बल देता है।


70. ग्रामीण विकास क्या है?

उत्तर:
ग्रामीण विकास का अर्थ है – ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और बुनियादी ढांचे का समग्र विकास।
मुख्य उद्देश्य:

  • कृषि विकास
  • ग्रामीण रोजगार
  • स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य
  • सड़क, बिजली, सिंचाई
    ग्रामीण विकास के लिए सरकार ने कई योजनाएँ शुरू की हैं – जैसे MGNREGA, PMGSY, स्वच्छ भारत मिशन आदि।

71. MGNREGA योजना क्या है?

उत्तर:
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) 2005 में पारित हुआ।
इसका उद्देश्य है ग्रामीण परिवारों को 100 दिन का सुनिश्चित रोजगार प्रदान करना।
मुख्य बिंदु:

  • श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी
  • महिलाओं को भागीदारी
  • सामाजिक लेखा परीक्षा
    यह ग्रामीण निर्धनता में कमी और प्रवासन रोकने में सहायक है।

72. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) क्या है?

उत्तर:
FDI वह निवेश है जो कोई विदेशी कंपनी भारत में उद्योग, सेवा, व्यापार आदि क्षेत्रों में करती है।
लाभ:

  • विदेशी तकनीक और पूंजी
  • रोजगार सृजन
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा
    FDI को सरकार स्वचालित मार्ग और सरकारी अनुमोदन मार्ग से अनुमति देती है।

73. वैश्वीकरण क्या है?

उत्तर:
वैश्वीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत दुनिया की अर्थव्यवस्थाएँ, संस्कृतियाँ और व्यापार आपस में जुड़ते हैं।
मुख्य लक्षण:

  • व्यापार और पूंजी का स्वतंत्र प्रवाह
  • तकनीकी प्रसार
  • बहुराष्ट्रीय कंपनियों का विस्तार
    भारत में वैश्वीकरण 1991 की नई आर्थिक नीति के बाद तेज़ी से बढ़ा।

74. उदारीकरण क्या है?

उत्तर:
उदारीकरण का अर्थ है – सरकार द्वारा उद्योग, व्यापार और निवेश पर लगे नियंत्रणों को हटाना।
मुख्य उद्देश्य:

  • निजी क्षेत्र को बढ़ावा
  • प्रतिस्पर्धा में वृद्धि
  • विदेशी निवेश आकर्षित करना
    उदारीकरण भारत में 1991 की आर्थिक सुधार नीति के तहत लागू हुआ।

75. निजीकरण क्या है?

उत्तर:
निजीकरण का अर्थ है – सरकारी उद्यमों का स्वामित्व, प्रबंधन या संचालन निजी क्षेत्र को सौंपना।
उद्देश्य:

  • दक्षता में वृद्धि
  • सरकारी व्यय में कमी
  • प्रतिस्पर्धा में सुधार
    उदाहरण: एयर इंडिया का निजीकरण, BSNL की संपत्तियों की बिक्री।

76. उद्यमिता क्या है?

उत्तर:
उद्यमिता वह प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत व्यक्ति किसी विचार को व्यवसाय में बदलता है और जोखिम उठाते हुए लाभ कमाने का प्रयास करता है।
गुण:

  • नवाचार
  • जोखिम लेने की क्षमता
  • नेतृत्व
    भारत में उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु Startup India, Mudra Yojana, Stand-Up India आदि योजनाएँ शुरू की गई हैं।

77. स्टार्टअप इंडिया योजना क्या है?

उत्तर:
Startup India योजना की शुरुआत 2016 में हुई। इसका उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना और उद्यमियों को सहयोग प्रदान करना है।
मुख्य लाभ:

  • कर में छूट
  • पूंजी निवेश सहायता
  • एकल खिड़की मंज़ूरी
  • इन्क्यूबेशन केंद्र
    यह योजना युवाओं को स्वरोजगार हेतु प्रेरित करती है।

78. मुद्रा योजना क्या है?

उत्तर:
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) 2015 में शुरू की गई। इसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों, महिलाओं, स्टार्टअप्स को बिना गारंटी ऋण देना है।
तीन श्रेणियाँ:

  1. शिशु (₹50,000 तक)
  2. किशोर (₹50,000 – ₹5 लाख)
  3. तरुण (₹5 लाख – ₹10 लाख)
    यह योजना सूक्ष्म उद्यमिता को प्रोत्साहित करती है।

79. विनिमय माध्यम के रूप में मुद्रा की भूमिका समझाइए।

उत्तर:
मुद्रा का मुख्य कार्य विनिमय का माध्यम बनना है। यह वस्तु-विनिमय प्रणाली की कठिनाइयों को दूर करती है।
अब व्यक्ति वस्तु के बदले वस्तु की बजाय मुद्रा के माध्यम से लेन-देन करता है।
उदाहरण: गेहूँ बेचकर प्राप्त ₹ से कपड़ा खरीदा जा सकता है।
मुद्रा ने व्यापार को सरल, त्वरित और भरोसेमंद बनाया है।


80. बैंकिंग का अर्थ और कार्य लिखिए।

उत्तर:
बैंकिंग वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा बैंक जनता से धन जमा करता है और ऋण व अन्य सेवाओं के माध्यम से उसे वितरित करता है।
मुख्य कार्य:

  • जमा स्वीकारना
  • ऋण देना
  • चेक भुगतान
  • विदेशी मुद्रा विनिमय
  • ऑनलाइन लेन-देन
    बैंक आर्थिक विकास की रीढ़ हैं।

81. मुद्रा आपूर्ति क्या है?

उत्तर:
मुद्रा आपूर्ति वह कुल राशि है जो किसी अर्थव्यवस्था में एक समय पर उपलब्ध होती है।
मापदंड:

  • M1: चलन में मुद्रा + माँग जमा
  • M2, M3, M4: विस्तृत रूप
    यह रिज़र्व बैंक के नियंत्रण में होती है।
    मुद्रास्फीति नियंत्रण में यह अहम भूमिका निभाती है।

82. प्रतिकूल संतुलन भुगतान क्या है?

उत्तर:
जब किसी देश का आयात उसके निर्यात से अधिक होता है, तो यह स्थिति प्रतिकूल संतुलन भुगतान (Adverse Balance of Payments) कहलाती है।
इसके कारण:

  • अधिक विदेशी वस्तुओं की खपत
  • घरेलू उत्पादन में गिरावट
  • विदेशी ऋण पर निर्भरता
    यह मुद्रा भंडार पर दबाव डालती है।

83. आर्थिक उदारीकरण के लाभ बताइए।

उत्तर:

  1. निवेश में वृद्धि
  2. प्रतिस्पर्धा व दक्षता
  3. उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प
  4. वैश्विक व्यापार में भागीदारी
  5. निजी क्षेत्र को बढ़ावा
    हालाँकि इससे आय असमानता, विदेशी निर्भरता और घरेलू उद्योगों पर दबाव भी बढ़ा है।

84. डिजिटल इंडिया अभियान का उद्देश्य लिखिए।

उत्तर:
डिजिटल इंडिया अभियान 2015 में प्रारंभ हुआ जिसका उद्देश्य है – भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाना।
मुख्य लक्ष्य:

  • ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी
  • ई-गवर्नेंस
  • डिजिटल साक्षरता
  • ऑनलाइन सेवाएँ
    यह ग्रामीण और शहरी डिजिटल विभाजन को पाटने में सहायक है।

85. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के उद्देश्य बताइए।

उत्तर:
इस अधिनियम का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों की रक्षा प्रदान करना है।
मुख्य बिंदु:

  • दोषपूर्ण वस्तुओं के विरुद्ध कार्रवाई
  • अनुचित व्यापार प्रथा पर रोक
  • शिकायत निवारण तंत्र (District → State → National Commission)
  • ई-कॉमर्स पर भी लागू
    यह उपभोक्ता सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है।

86. भारत में जीएसटी (GST) क्या है?

उत्तर:
GST (वस्तु एवं सेवा कर) एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है जो भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू हुई।
विशेषताएँ:

  • “एक राष्ट्र, एक कर”
  • केंद्र व राज्य करों का समावेश
  • CGST, SGST, IGST के रूप में विभाजन
    लाभ:
  • कर प्रणाली में पारदर्शिता
  • कर चोरी में कमी
  • व्यापार में आसानी

87. आत्मनिर्भर भारत अभियान क्या है?

उत्तर:
आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2020 को की थी। इसका उद्देश्य COVID-19 महामारी के प्रभाव से भारत को उबारना और उसे आत्मनिर्भर बनाना था।
मुख्य उद्देश्य:

  • घरेलू उत्पादन को बढ़ावा
  • MSME सेक्टर को सहायता
  • किसानों, श्रमिकों, गरीबों को आर्थिक पैकेज
  • “वोकल फॉर लोकल”
    इस योजना से भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अधिक स्थान प्राप्त हुआ है।

88. प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र क्या हैं?

उत्तर:
भारत की अर्थव्यवस्था को तीन क्षेत्रों में बाँटा गया है:

  1. प्राथमिक क्षेत्र: कृषि, मत्स्य, पशुपालन, वानिकी।
  2. द्वितीयक क्षेत्र: निर्माण, उद्योग, संयंत्र आदि।
  3. तृतीयक क्षेत्र: सेवा क्षेत्र – बैंकिंग, बीमा, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि।
    तीनों क्षेत्र एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और मिलकर GDP में योगदान करते हैं।

89. आर्थिक असमानता क्या है?

उत्तर:
आर्थिक असमानता वह स्थिति है जब समाज में आय और संपत्ति का वितरण असमान रूप से होता है।
प्रकार:

  • आय असमानता
  • क्षेत्रीय असमानता
  • शहरी-ग्रामीण असमानता
    कारण:
  • शिक्षा में अंतर
  • रोजगार के अवसरों की कमी
  • सामाजिक भेदभाव
    यह सामाजिक असंतोष और गरीबी का कारण बन सकती है।

90. भारत में काला धन क्या है?

उत्तर:
काला धन वह धन है जो वैध रूप से कमाया गया नहीं है या जिसकी जानकारी सरकार को नहीं दी गई होती।
उदाहरण: रिश्वत, टैक्स चोरी, हवाला आदि।
प्रभाव:

  • अर्थव्यवस्था में असंतुलन
  • महँगाई में वृद्धि
  • भ्रष्टाचार
    उपाय:
  • डिजिटल लेन-देन
  • आयकर सुधार
  • सख्त कानून (जैसे बेनामी संपत्ति अधिनियम)

91. मुद्रा अवमूल्यन क्या है?

उत्तर:
जब किसी देश की मुद्रा का मूल्य विदेशी मुद्रा की तुलना में कृत्रिम रूप से घटाया जाता है, तो उसे मुद्रा अवमूल्यन कहते हैं।
उदाहरण: ₹ का मूल्य $1 के मुकाबले ₹75 से ₹80 कर देना।
लाभ:

  • निर्यात में वृद्धि
  • व्यापार घाटा में कमी
    हानि:
  • आयात महँगा हो जाता है
  • महँगाई में वृद्धि

92. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) क्या है?

उत्तर:
PDS एक सरकारी प्रणाली है जिसके अंतर्गत राशन की दुकानों के माध्यम से गरीबों को आवश्यक वस्तुएँ (गेहूँ, चावल, चीनी आदि) सस्ते दरों पर उपलब्ध कराई जाती हैं।
उद्देश्य:

  • खाद्य सुरक्षा
  • गरीबी उन्मूलन
  • कुपोषण रोकना
    इसकी कार्यप्रणाली में कई सुधार जैसे NFSA, डिजिटल राशन कार्ड आदि लाए गए हैं।

93. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्या हैं?

उत्तर:
MSME ऐसे उद्योग होते हैं जो सीमित पूँजी और श्रमिकों के साथ कार्य करते हैं।
वर्गीकरण (2020 के अनुसार):

  1. सूक्ष्म उद्योग: ₹1 करोड़ निवेश, ₹5 करोड़ टर्नओवर
  2. लघु उद्योग: ₹10 करोड़ निवेश, ₹50 करोड़ टर्नओवर
  3. मध्यम उद्योग: ₹50 करोड़ निवेश, ₹250 करोड़ टर्नओवर
    MSME भारत में रोजगार और GDP में महत्त्वपूर्ण योगदान करते हैं।

94. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के कार्य क्या हैं?

उत्तर:
RBI भारत का केंद्रीय बैंक है जिसकी स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई।
मुख्य कार्य:

  • नोट जारी करना
  • मौद्रिक नीति बनाना
  • वाणिज्यिक बैंकों का नियमन
  • विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन
  • रेपो व रिवर्स रेपो दर निर्धारण
    यह भारतीय बैंकिंग प्रणाली की रीढ़ है।

95. ग्रामीण बैंक क्या है?

उत्तर:
ग्रामीण बैंक (RRB – Regional Rural Bank) ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों, कारीगरों, लघु व्यापारियों को बैंकिंग सुविधाएँ देने के लिए बनाए गए हैं।
स्थापना: 1975 में।
उद्देश्य:

  • ग्रामीण ऋण वितरण
  • वित्तीय समावेशन
    उदाहरण: उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक, मध्य बिहार ग्रामीण बैंक आदि।

96. नकद आरक्षित अनुपात (CRR) क्या है?

उत्तर:
CRR वह न्यूनतम राशि है जो वाणिज्यिक बैंकों को RBI के पास नगद के रूप में रखना होता है।
उद्देश्य:

  • मुद्रा की आपूर्ति को नियंत्रित करना
  • महँगाई पर नियंत्रण
    उच्च CRR → बैंकों के पास कम ऋण देने योग्य धन → मुद्रा आपूर्ति में कमी।

97. सांख्यिकी (Statistics) का अर्थशास्त्र में क्या महत्व है?

उत्तर:
सांख्यिकी अर्थशास्त्र में आँकड़ों का विश्लेषण करने, तुलना करने और निष्कर्ष निकालने के लिए प्रयोग होती है।
उपयोग:

  • जनगणना
  • आर्थिक विकास की दर
  • कीमतों, उत्पादन, निर्यात के आँकड़े
  • बजट पूर्वानुमान
    यह नीति निर्माण और योजना निर्धारण में सहायक होती है।

98. आयात प्रतिस्थापन क्या है?

उत्तर:
जब कोई देश विदेशी वस्तुओं का आयात कम करके स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देता है, तो उसे आयात प्रतिस्थापन (Import Substitution) कहते हैं।
उद्देश्य:

  • विदेशी निर्भरता में कमी
  • घरेलू उद्योगों को बढ़ावा
    उदाहरण: “मेक इन इंडिया” अभियान इसी नीति पर आधारित है।

99. पर्यावरणीय अर्थशास्त्र क्या है?

उत्तर:
यह अर्थशास्त्र की एक शाखा है जो पर्यावरण और आर्थिक गतिविधियों के बीच संबंध का अध्ययन करती है।
विषय:

  • प्रदूषण नियंत्रण
  • संसाधनों का सतत उपयोग
  • कार्बन टैक्स, ग्रीन GDP
    यह पर्यावरण संरक्षण को आर्थिक विकास के साथ संतुलित करता है।

100. सतत विकास क्या है?

उत्तर:
सतत विकास वह विकास है जो वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है, बिना भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों से समझौता किए।
मुख्य तत्व:

  • आर्थिक विकास
  • पर्यावरणीय संरक्षण
  • सामाजिक समानता
    उदाहरण: अक्षय ऊर्जा का उपयोग, जैविक खेती, पुनर्चक्रण आदि।