“अच्छे सामरियों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार का कदम: अब पहचान छुपाकर भी बचा सकेंगे जान”

लेख शीर्षक:
“अच्छे सामरियों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार का कदम: अब पहचान छुपाकर भी बचा सकेंगे जान”


प्रस्तावना:
भारत में सड़क दुर्घटनाओं की भयावह स्थिति के बीच एक सकारात्मक और मानवीय पहल के तहत केंद्र सरकार ने “अच्छे सामरियों के अधिकारों पर नियमों” को अधिसूचित किया है। इन नियमों का उद्देश्य उन लोगों को कानूनी जटिलताओं से बचाना है, जो मानवता के आधार पर सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों की सहायता करते हैं। यह पहल न केवल आम लोगों में सहानुभूति को बढ़ावा देगी, बल्कि पीड़ितों की समय पर मदद सुनिश्चित कर उनकी जान बचाने में भी मददगार होगी।


क्या हैं ‘अच्छे सामरियों’ के अधिकार?:
‘अच्छा सामरी’ वह व्यक्ति होता है जो बिना किसी स्वार्थ के सड़क पर घायल व्यक्ति की सहायता करता है। पूर्व में, अक्सर मदद करने वालों को पुलिस पूछताछ, अदालत में पेशी और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था, जिससे कई लोग पीड़ितों की मदद करने से डरते थे। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप केंद्र सरकार ने ‘अच्छे सामरी (Good Samaritan)’ को संरक्षण देने वाले अधिकारिक नियम अधिसूचित किए हैं।


मुख्य बिंदु:

  1. पहचान गुप्त रखने का अधिकार:
    कोई भी अच्छा सामरी, पीड़ित की मदद करने के बाद अपनी पहचान बताने के लिए बाध्य नहीं होगा। पुलिस या अस्पताल उससे नाम, पता या अन्य निजी जानकारी नहीं मांग सकते यदि वह स्वेच्छा से उसे न दे।
  2. कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा:
    अस्पताल, पुलिस और अन्य एजेंसियां ऐसे व्यक्तियों को पूछताछ, रिपोर्ट या कोर्ट में गवाही देने के लिए बाध्य नहीं कर सकतीं, जब तक कि वे स्वयं न चाहें।
  3. स्वेच्छा से सहयोग का विकल्प:
    यदि कोई अच्छा सामरी आगे की जांच या अदालती प्रक्रिया में सहयोग करना चाहता है, तो वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या टेलीफोन के माध्यम से बयान दे सकता है — उसे जबरन बुलाया नहीं जाएगा।
  4. स्वस्थ सम्मानजनक व्यवहार:
    नियमों में यह भी निर्देश है कि अच्छे सामरी के साथ अस्पताल और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा सम्मानजनक और बिना भय पैदा किए व्यवहार किया जाना चाहिए।

स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार:
सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे मददगार लोगों से किसी प्रकार का भुगतान या रुकावट न हो। पीड़ितों को आपातकालीन इलाज देने से इनकार नहीं किया जा सकता, और सहायता करने वाले व्यक्ति को किसी तरह की फिजूल कानूनी उलझन में नहीं डाला जाएगा।


सकारात्मक प्रभाव:
इस अधिसूचना से समाज में मानवीय मूल्यों को बल मिलेगा। आम नागरिकों में अब यह विश्वास बढ़ेगा कि पीड़ित की सहायता करने पर उन्हें किसी कानूनी झंझट में नहीं डाला जाएगा। यह सड़क दुर्घटना पीड़ितों की तत्काल सहायता सुनिश्चित करेगा, जिससे मृत्यु दर में भी कमी लाई जा सकती है।


निष्कर्ष:
केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित ‘अच्छे सामरियों के अधिकारों’ के नियम समाज में दया, मानवता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो यह सुनिश्चित करता है कि मानवता के नायक अब डर के बिना पीड़ितों की सहायता कर सकें। इस प्रकार, यह कानून न केवल कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि सामाजिक बदलाव की दिशा में भी एक प्रेरणादायक पहल है।