शीर्षक: अगर वाहन से किसी को टक्कर मारकर भागते हो, तो जानिए BNS की किन धाराओं में बनता है अपराध और क्या है सज़ा
🚨 भूमिका:
सड़क हादसे आज के समय की एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या बन चुके हैं। इनमें से कई दुर्घटनाएं ऐसी होती हैं, जिनमें वाहन चालक टक्कर मारकर मौके से फरार हो जाते हैं, जिसे आमतौर पर हिट एंड रन (Hit and Run) कहा जाता है। यह केवल एक नैतिक अपराध नहीं, बल्कि कानूनी रूप से भी गंभीर दंडनीय अपराध है।
भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 में इस तरह के मामलों से निपटने के लिए विशेष धाराएं बनाई गई हैं, जैसे कि धारा 281, 104(2), और 106, जिनके तहत अपराधी को 5 साल तक की जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।
⚖️ लागू होने वाली मुख्य धाराएं:
🔹 BNS धारा 281 – लापरवाही से वाहन चलाना जिससे जान को खतरा हो:
- यदि कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान पर इस तरह वाहन चलाता है जिससे किसी अन्य व्यक्ति की जान या सुरक्षा को खतरा होता है, तो वह इस धारा के अंतर्गत अपराधी माना जाता है।
🔸 सज़ा:
- 6 महीने तक की जेल या जुर्माना या दोनों।
🔹 BNS धारा 104(2) – चोट पहुँचाने के बाद घटनास्थल से भाग जाना:
- जब कोई वाहन चालक किसी व्यक्ति को चोट पहुँचाने के बाद मदद किए बिना या रिपोर्ट किए बिना घटनास्थल से भाग जाता है।
🔸 सज़ा:
- 5 साल तक की सजा, और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
🔹 BNS धारा 106 – मृत्यु का कारण बनना लेकिन गैर-इरादतन (Death by Negligence):
- यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु वाहन की लापरवाही या तेज रफ्तार से चलाने की वजह से हो जाती है।
🔸 सज़ा:
- 10 साल तक की जेल, अगर भाग जाने की प्रवृत्ति या अन्य आपराधिक इरादा सिद्ध हो जाए।
- सामान्य मामलों में 5 साल तक की जेल और जुर्माना।
🚔 पुलिस की कार्यवाही कैसे होती है?
- FIR दर्ज होती है:
- पीड़ित या चश्मदीद गवाह द्वारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है।
- CCTV फुटेज और चश्मदीदों के बयान जुटाए जाते हैं।
- वाहन का नंबर, रंग, मॉडल आदि का विवरण लिया जाता है।
- आरोपी चालक की पहचान कर गिरफ्तारी होती है।
- पोस्टमार्टम (यदि मृत्यु हुई हो) और मेडिकल रिपोर्ट (यदि घायल हो) जुटाई जाती है।
🧾 पीड़ित को क्या करना चाहिए?
- घटना की तुरंत रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराएं
- घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचकर M.L.C. (मेडिको लीगल केस) दर्ज कराएं
- यदि वाहन का विवरण उपलब्ध है (जैसे नंबर प्लेट या वीडियो), तो उसे पुलिस को दें
- साक्ष्य सुरक्षित रखें – जैसे कि फोटो, वीडियो, गवाहों की जानकारी आदि
⚠️ यह अपराध क्यों गंभीर है?
- इस तरह भागने वाला चालक न सिर्फ पीड़ित की जान जोखिम में डालता है, बल्कि न्याय की प्रक्रिया को भी बाधित करता है।
- मानवता की दृष्टि से यह अमानवीय कृत्य है, क्योंकि घायल को मदद की ज़रूरत होती है, न कि उसे छोड़कर भाग जाने की।
✅ निष्कर्ष:
वाहन से किसी को टक्कर मारकर भाग जाना न केवल नैतिक अपराध है, बल्कि BNS की कई धाराओं के तहत गंभीर आपराधिक कृत्य भी है। इसमें न सिर्फ सख्त कानूनी दंड (5 से 10 साल की सज़ा) का प्रावधान है, बल्कि सामाजिक और कानूनी जिम्मेदारियों का भी उल्लंघन होता है।
यदि कोई इस तरह का अपराध करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही हो सकती है और उसे जेल तक जाना पड़ सकता है।