अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice – ICJ) का अधिकार क्षेत्र : विस्तृत लेख

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice – ICJ) का अधिकार क्षेत्र : विस्तृत लेख


1. प्रस्तावना

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यायिक अंग है, जिसे 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत स्थापित किया गया और 1946 में कार्य प्रारंभ किया। इसका मुख्यालय नीदरलैंड के हेग (The Hague) में स्थित है। ICJ का उद्देश्य देशों के बीच कानूनी विवादों का शांतिपूर्ण समाधान और अंतर्राष्ट्रीय क़ानून की व्याख्या/अनुप्रयोग करना है। इसका अधिकार क्षेत्र (Jurisdiction) यह निर्धारित करता है कि न्यायालय किन मामलों की सुनवाई और निर्णय कर सकता है।


2. ICJ की संरचना का संक्षिप्त परिचय

  • सदस्य – 15 न्यायाधीश
  • चुनाव – संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद द्वारा संयुक्त रूप से।
  • कार्यकाल – 9 वर्ष (पुनः चयन संभव)
  • आधिकारिक भाषाएँ – अंग्रेज़ी और फ़्रेंच
  • मुख्य कार्य
    1. विवादास्पद मामलों का निपटारा (Contentious Cases)
    2. परामर्शात्मक राय (Advisory Opinions) देना

3. ICJ का अधिकार क्षेत्र – मुख्य श्रेणियाँ

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का अधिकार क्षेत्र दो प्रमुख प्रकार का होता है –

(क) विवादास्पद अधिकार क्षेत्र (Contentious Jurisdiction)

इसमें ICJ केवल उन मामलों की सुनवाई कर सकता है जो देशों (States) के बीच हों। इसमें व्यक्तियों, निगमों या निजी संगठनों के मामले नहीं आते।
शर्तें –

  1. विवाद अंतर्राष्ट्रीय क़ानून से संबंधित हो।
  2. दोनों पक्ष ICJ के अधिकार क्षेत्र को मान्यता दें।

विवादास्पद अधिकार क्षेत्र की उपश्रेणियाँ:

  1. संधि-आधारित अधिकार क्षेत्र (Treaty-based Jurisdiction) – जब किसी अंतर्राष्ट्रीय संधि में यह प्रावधान हो कि विवाद ICJ में जाएगा। उदाहरण – समुद्री क़ानून संधि (UNCLOS)।
  2. विशेष समझौता (Special Agreement or Compromis) – जब दो देश किसी विशेष विवाद को ICJ में ले जाने पर सहमत हों।
  3. वैकल्पिक अनिवार्य अधिकार (Optional Clause Jurisdiction) – जब कोई देश एकतरफ़ा घोषणा करता है कि वह ICJ के अधिकार क्षेत्र को अनिवार्य रूप से स्वीकार करता है (संयुक्त राष्ट्र चार्टर की धारा 36(2) के अंतर्गत)।

(ख) परामर्शात्मक अधिकार क्षेत्र (Advisory Jurisdiction)

ICJ परामर्शात्मक राय (Advisory Opinions) भी दे सकता है, लेकिन ये राय केवल अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और संयुक्त राष्ट्र के अधिकृत अंगों के अनुरोध पर दी जाती है।

  • यह बाध्यकारी (Binding) नहीं होती, बल्कि मार्गदर्शक होती है।
  • उदाहरण –
    • फिलिस्तीन में दीवार निर्माण की वैधता पर राय (2004)
    • कोसोवो की स्वतंत्रता पर राय (2010)

4. ICJ के अधिकार क्षेत्र की विशेषताएँ

  1. केवल राज्यों के बीच विवाद – व्यक्ति, कंपनियां या NGO सीधे ICJ में नहीं जा सकते।
  2. सहमति आधारित अधिकार – किसी भी विवाद पर ICJ तभी सुनवाई करेगा जब सभी पक्ष उसकी अनुमति दें।
  3. अंतर्राष्ट्रीय कानून का अनुपालन – ICJ केवल अंतर्राष्ट्रीय संधियों, प्रथाओं, और कानूनी सिद्धांतों के आधार पर निर्णय करता है।
  4. बाध्यकारी निर्णय – विवादास्पद मामलों में ICJ का निर्णय बाध्यकारी होता है, लेकिन उसे लागू करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भूमिका होती है।

5. अधिकार क्षेत्र की कानूनी नींव

ICJ के अधिकार क्षेत्र का आधार निम्नलिखित स्रोत हैं –

  1. संयुक्त राष्ट्र चार्टर (Chapter XIV)
  2. ICJ का संविधान (Statute of the ICJ)
  3. अंतर्राष्ट्रीय संधियाँ और समझौते
  4. सदस्य देशों की घोषणाएँ (Optional Clause Declarations)

6. महत्वपूर्ण मामले (Case Examples)

  1. Corfu Channel Case (UK v. Albania), 1949 – अल्बानिया द्वारा ब्रिटिश जहाज़ों को नुकसान पहुंचाने पर मुआवज़ा विवाद।
  2. Nicaragua v. United States, 1986 – निकारागुआ में अमेरिकी हस्तक्षेप का मामला।
  3. Maritime Dispute (Peru v. Chile), 2014 – समुद्री सीमा विवाद।
  4. India v. Pakistan – Kulbhushan Jadhav Case, 2019 – वियना कन्वेंशन के तहत कौंसुलर पहुंच विवाद।

7. अधिकार क्षेत्र की सीमाएँ

  1. सहमति की आवश्यकता – यदि कोई पक्ष ICJ के अधिकार क्षेत्र को न माने, तो मामला नहीं चल सकता।
  2. क्रियान्वयन की कठिनाई – निर्णय लागू करने में सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों का वीटो अड़चन बन सकता है।
  3. राजनीतिक संवेदनशीलता – कई विवादों में राजनीतिक दबाव और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति प्रभाव डालते हैं।
  4. व्यक्तिगत न्याय की कमी – व्यक्ति सीधे ICJ में अपील नहीं कर सकते, इसके लिए अन्य न्यायाधिकरण (जैसे ICC) हैं।

8. ICJ और अन्य अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक निकायों में अंतर

आधार ICJ ICC (अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय) ITLOS (समुद्री क़ानून न्यायाधिकरण)
अधिकार क्षेत्र राज्यों के बीच विवाद व्यक्तियों के आपराधिक मामले समुद्री विवाद
स्थापना 1945 2002 1996
मुख्यालय हेग, नीदरलैंड हेग, नीदरलैंड हैम्बर्ग, जर्मनी

9. निष्कर्ष

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का अधिकार क्षेत्र वैश्विक शांति और न्याय सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह अंतर्राष्ट्रीय क़ानून के आधार पर निष्पक्ष निर्णय देता है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि यह केवल उन्हीं मामलों की सुनवाई कर सकता है जिनमें सभी पक्ष सहमत हों। भविष्य में ICJ की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि अधिक देश इसके अनिवार्य अधिकार क्षेत्र को स्वीकार करें और निर्णयों का पालन सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की भूमिका मज़बूत हो।